सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ विपक्षी पार्टियां 28 नवंबर को भारत बंद कर रही हैं। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल शुरुआत से ही नोटबंदी का विरोध करते आए हैं। संसद से लेकर शुरु हुआ यह विरोध-प्रदर्शन अब सड़क तक आ पहुंचा है।

भारत बंद का एलान
देश भर में 500 और 1000 के पुराने नोटों के बंद होने के बाद से आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ये मुद्दा अब सियासी रंग ले चुका है। विपक्षी पार्टियां संसद में केंद्र सरकार के इस फैसले का भारी विरोध करते हुए सरकार से इसे वापिस लेने की मांग कर रहे हैं। हालांकि मोदी सरकार फिलहाल इस फैसले को पलटने के पक्ष मे नहीं है। जिसके बाद विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर नोटबंदी के विरोध में 28 नवंबर को भारत बंद का एलान कर चुकी हैं।
 

14 पार्टियां हुईं एकजुट
पिछले दो दिनों से नोटबंदी के विरोध में संसद के भीतर और बाहर केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच संग्राम जारी है। विपक्ष की करीब 14 पार्टियां एकजुट हो गई हैं। जिसमें कांग्रेस, टीएमसी, जदयू, माकपा, भाकपा, एनसीपी, बसपा और राजद जैसे बड़े दल हैं। करीब 200 सांसदों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया। इसी मुद्दे को लेकर अब विपक्ष ने 28 नवंबर को आक्रोश दिवस मनाने का एलान किया है। इसके तहत 28 नवंबर को सभी राज्यों में धरने प्रदर्शन होंगे। लेफ्ट पार्टियां पूरे 24 से 30 नवंबर तक प्रदर्शन करेंगी।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari