बिहार के बुधौल में स्थानीय लोगों ने बीते तीस साल से अटके पुल का निर्माण खुद ही करना शुरू कर दिया। इसके लिए ग्रामीणों ने चंदा जमा किया। ग्रामीणों का कहना है कि हम इस पुल के निर्माण की मांग लंबे समय से कर रहे थे लेकिन सरकार ने इसे पूरा नहीं किया।


गया (एएनआई)। बिहार के बुधौल में लोगों ने एकजुटता की मिसाल करते हुए मानसून सीजन में अपने गांव में लगभग 30 वर्षों से लंबित पड़े पुल का निर्माण खुद ही शुरू कर दिया। लोगों का कहना है सामान्य दिनों में पानी कम होने से लोग किसी तरह से नदी पार करके दूसरी ओर चले जाते है लेकिन बारिश के दिनों में हालात गंभीर हो जाते हैं। हम इस पुल के निर्माण की मांग लंबे समय से कर रहे थे लेकिन सरकार ने इसे पूरा नहीं किया। सरकार हमारी मांगों को अनसुना कर रही थी और इससे गांव वालों लंबे रास्ते तय करने पड़ते थे। इसलिए हम ग्रामीणों ने खुद इसका निर्माण करने का फैसला किया। एक स्थानीय ने कहा कि हमारी मांग 1992 से लंबित
इस संबंध में न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एक स्थानीय ने कहा कि हमारी मांग 1992 से लंबित है। पिछले साल डूबने से दो लड़कियों सहित तीन लोगों की मौत हो गई। इतना ही नदी पार करने के लिए छात्रों और किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसके बाद ग्रामीणों ने आपस में चंदा एकत्र कर और मजदूरी कर इस पुल को बनाने का काम शुरू कर दिया। पिथौरागढ़ जिले के सभा गार्डी गांव में भारी बारिश के बाद, क्षेत्र की सड़कें और पुल काली नदी से बह गए, जिसके बाद स्थानीय निवासियों को अपनी दैनिक गतिविधियों के लिए लकड़ी के पुल का निर्माण करना पड़ा।

Posted By: Shweta Mishra