डॉक्टरों ने किया अलर्ट घर में रखे गमलों के पानी रोज बदलें लार्वा तैयार न होने दे हर दिन हो रही बारिश और लापरवाही से नए मामलों में आई तेजी

पटना (ब्यूरो)। राजधानी पटना में डेंगू का कहर जारी और हर दिन इसकी संख्या में इजाफा दर्ज किया जा रहा है। मंगलवार को सिविल सर्जन कार्यालय ने जानकारी दी कि कुल 29 नए मामलों की पहचान की गई है। जबकि पटना में अकेले पीएमसीएच की माइक्रोबायोलॉजी रिपोर्ट में 46 नए केस होने की पुष्टि की गई है। पटना के निचले इलाकों, जहां प्राय: जलजमाव होता रह है, वे इलाके संबंधित स्थानीय लोगों के लिए खतरे का सबब बन रहे हैं। डॉक्टरों की माने तो लोगों की लापरवाही भी इसके लिए जिम्मेदार है। घर और आस-पास जलजमाव न होने दे। गमलों, टायरों, खाली डब्बों में पानी हरगिज न जमा होने दे। खास तौर पर जो लोग फूल-पत्तियों को लगाने के शौकीन हैं, उन्हें अलर्ट रहने की जरूरत है। जलजमाव में डेंगू के लार्वा पनपते हैं। अलग-अलग इलाकों की रिपोर्ट में यह पाया गया है कि सबसे अधिक युवा पीडि़त है।

इंडोर पौधे से बढ़ रहा है खतरा
पटना में डेंगू के लगातार नए मामले मिल रहे हैं। इसे देखते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट अलर्ट मोड में है। स्वास्थ्य विभाग के सीनियर डॉक्टरों ने बताया कि इनडोर पौधों से भी डेंगू का खतरा बढ़ रहा है। लोग कार्यालय और घर में मनीप्लांट जैसे कई पौध बोतल और गमले में लगाते हैं.अतिथि के स्वागत समय भी पौधे भेंट करने का चलना बढ़ गया है। भेंट किया हुआ पौधे लोग ऑफिस में जाकर लगा देते हैं। मगर इसका पानी कई माह गुजरने के बाद भी चेंज नहीं करते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है वहीं मलेरिया का लार्वा गंदे पानी में ।

70 सैंपल में मिले 46 संक्रमित
मंगलवार को पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी लैब में कुल 70 सैंपल लिए गए थे। पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ। विद्यापति चौधरी ने डेंगू पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि पटना में डेंगू की स्थिति ठीक नहीं है। मंगलवार को 70 सैम्पल लिए गए जिसमें से 46 संक्रमित मिले। हालांकि अस्पताल में डेंगू वार्ड में अभी तक कोई एडमिट पेशेंट नहीं है। 20 बेड के क्षमता वाले डेंगू वार्ड को पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि 25 हजार से नीचे जितना प्लेटलेट होता है ऐसे पेशेंट को एडमिट कर लिया जाता है। डॉक्टरों ने कहा कि यदि सरकरी जांच लैब की जांच रिपोर्ट में यदि 50 प्रतिशत से अधिक मामले डेंगू से मिल रहे हैं तो प्राइवेट सेंटरों जहां कुमुलेटिव रूप से अधिक जांच होती है तो इसका अंदाजा लगा सकते हैं।

स्टूडेंट्स सबसे अधिक प्रभावित
नाम न छापने की शर्त पर पटना के निजी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि पिछले डेढ़ साल में 5 हजार से अधिक लोग डेंगू के चपेट में आए हैं। जिसमें से 60 फीसदी स्टूडेंट्स हैं। बाजार समिति, इन्द्रपुरी, राजीव नगर, बोरिंग रोड, शिव नगर, महेश नगर सहित कई इलाकों के स्टूडेंट्स डेंगू के चपेट में आए हैं। डॉक्टरों ने बताया कि डेंगू से बचने के लिए अपने आसपास अगर कहीं जल जमाव है तो उसे क्लियर करना उचित होगा।

Posted By: Inextlive