- मुंगेर सदर अस्पताल में प्रसव के लिए पहुंची मधु की हो गई मौत, गर्भ में नौ माह का बच्चा भी मरा

MUNGER: स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों के बाद भी प्रदेश के सदर अस्पतालों में मरीजों को देखने वाला कोई नहीं है। शनिवार को मुंगेर सदर अस्पताल में कुछ इसी तरह की लापरवाही के कारण एक गर्भवती की जान चली गई। समय पर ब्लड नहीं मिलने से शंकरपुर की मधु ने दुनिया को अलविदा कह दिया। गर्भ में पल रहा नवजात दुनिया आने से पहले ही चला गया। पति पिंटू सागर के अनुसार वे और स्वजन चीखते-चिल्लाते रहे, लेकिन कोई कुछ सुनने को तैयार नहीं था।

तब तक हो चुकी काफी देर

बताया गया कि शनिवार की दोपहर 12.30 बजे शंकरपुर की रहने वाली 30 वर्षीया मधु कुमारी को लेकर पति ¨पटू सागर प्रसव के लिए लेकर सदर अस्पताल पहुंचा। जहां चिकित्सकों ने खून की कमी बताया। इसके बाद शंकर ब्लड बैंक कर्मी के पास गए और ब्लड देने की बात कही। कर्मी ने 5500 रुपये बतौर नजराना मांगा। शंकर सहित पांच स्वजन ब्लड देने के लिए तैयार भी हो गए। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। समय पर ब्लड नहीं मिलने के कारण मधु की मौत हो गई।

जांच में देरी से बच्चे की भी मौत

मधु के गर्भ में नौ माह का बच्चा भी था। पत्नी की मौत के बाद लगभग दो घंटे बाद बच्चे की जांच हुई। तबतक बच्चे की भी मौत हो चुकी थी। शंकर ने चिकित्सकों पर आरोप लगाया कि पत्नी की मौत के बाद बच्चे का भी सही समय पर जांच नहीं किया गया। इस वजह से दुनिया में आने से पहले ही बच्चा गुजर गया। लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक और कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।

लेकिन नहीं बच सकी

इस संबंध में प्रसव केंद्र में नियुक्त महिला चिकित्सक डा। निष्ठा कुमारी ने बताया प्रसूता के शरीर में खून की कमी थी। ब्लड प्रेशर भी कम था। ब्लड तीन मिनट में आ गया था। इसके बाद महिला को बचाने का काफी प्रयास किया। लेकिन, वह नहीं बच सकी। वहीं ब्लड बैंक के इंचार्ज संजय कुमार यादव ने बताया कि महिला के स्वजन ब्लड के लिए आए थे, तीन मिनट के अंदर ही उन्हें ब्लड दे दिया गया। पैसे मांगने का आरोप निराधार है।

Posted By: Inextlive