टाइम मैनेजमेंट व टेस्ट सीरीज है स्मार्ट तैयारी का फंडा
-एआईपीएमटी के लिए हर सब्जेक्ट पर एक समान दें ध्यान
- अपनी स्ट्रेंथ व वीकनेस को जानें, टेस्ट सेट प्रैक्टिस कर तैयारी करें पुख्ता PATNA: एआईपीएमटी 2015 का एग्जाम तीन मई, 2015 (संडे) को होगा। इसमें क्वालिफाई करने वाले कैंडिडेट का मेडिकल स्ट्रीम में कॅरियर बनाने का पहला स्टेप होगा। ऑल इंडिया लेवल पर देशभर की मेडिकल की तैयारी करने वालों के लिए यह एक खास समय है। अभी से इसकी तैयारी के लिए प्लान करे ले तो सक्सेस ईजी हो जाएगा। एग्जाम पैटर्न पिछले साल जैसा ही रहेगा, लेकिन एक पेपर में हर सब्जेक्ट पर अच्छी पकड़ बना ले। खासकर जिनका बॉयो अच्छा है, लेकिन अन्य सब्जेक्ट पर भी उतना ही फोकस करें। इसमें ऐसे भी क्वेश्चन होंगे जो टाइम कंज्यूमिंग हो सकता है। ऐसे में फोकस सिर्फ सही तरीके से क्वेश्चन अटेंड करने पर ही रखना होगा। तैयारी कैलेंडर बना लेंयह ऑल इंडिया लेवल का एग्जाम है, इसमें क्वलिफाइंग परसेंटेज कम होता है। इसकी स्मार्ट तैयारी के बारे में गोल इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर विपीन कुमार ने बताया कि टाइम एक बड़ा फैक्टर है। कैंडिडेट्स प्रिपरेशन का कैलेंडर तैयार कर लें। इसमें दिसंबर इंड तक सलेबर्स पूरा कर लें। इसके बाद अप्रैल तक रिवीजन कर सब्जेक्ट पर पकड़ मजबूत कर लें। इस समय आप टेस्ट सिरीज से प्रैक्टिस करें। जितना अधिक टेस्ट सिरीज को बनाएंगे, उतना ही समझ बेहतर होगा। इस समय रिवीजन पर फोकस करने से इसकी तैयारी संपूर्ण हो जाएगी। इसमें जो टॉपिक छूट गया है उसे पूरा कर लें। हर सब्जेक्ट पर पूरा ध्यान दें।
मिसटेक करने से बचेंआमतौर पर जब एक क्वेश्चन में अटक जाते हैं, तो दूसरे क्वेश्चन में गलती करने की संभावना बढ़ जाती है। साहिल स्टडी सर्कल के डायरेक्टर डॉ मिथिलेश कुमार ने आई नेक्स्ट से बात करते हुए बताया कि स्टूडेंट्स कूल होकर तैयारी करें। टाइम मैनेजमेंट करें और हर सब्जेक्ट पर एक समान ध्यान दें। इसमें कुल 180 क्वेश्चन पूछा जाएगा। इसमें आप जो आसानी से कर सकते हैं वे पहले कर लें। जब आप 180 वां क्वेश्चन पर हों तब यह देखें कि कितना क्वेशचन छूट रहा है और उसे बनाने में आप कितना समर्थ हैं। वैसे क्वेश्चन बाद में करें जिसमें ज्यादा समय लगेगा, जिसमें कान्फिडेंस नहीं है उसे छोड़ ही दें। हर गलत आंसर पर एक मार्क्स कटा जाएगा। इसमें निगेटिव मार्किंग है। सब्जेक्ट के बारे में उन्होंने बताया कि बॉयो के लिए एनसीईआरटी की बुक फॉलो करे और फिजिक्स और कैमेस्ट्री के लिए इसके अलावा अन्य बुक पुर पर ध्यान दें। रिवीजन भी करते रहें।
टाइम फैक्टर को ना भूलें इसमें टाइम एक सबसे बड़ा फैक्टर है। तीन घंटे में 180 क्वेश्चन बनाना है। इसमें बॉयो से 90 मार्क्स होगा जिसें बॉटनी और जूलॉजी शामिल है। इसके अलावा फिजिक्स और केमेस्ट्री से 45-45 क्वेशचन पूछा जाएगा। विजन क्लासेज के डायरेक्टर के सिंह ने बताया कि स्टूडेंट्स सलेबर्स को मिड जनवरी तक पूरा कर लें। पिछले साल के सभी प्रिवियस पेपर को सॉल्व कर लें। सब्जेक्ट वाइज देख लें विजन क्लासेज के डायरेक्टर के सिंह ने बताया कि प्रिविएस ईयर के क्वेश्चन में 95-98 क्वेशचन एनसीईआरटी से था। बॉयो में क्लासिफिकेशन, मॉरफोलॉजी, बॉयोटेक्नोलॉजी और इकोलॉजी देख लें, जबकि फिजिक्स में 60 परसेंट क्वेश्चन थ्योरिटिकल है और 40 परसेंट न्यूमेरिकल से था। यह फॉर्मूला बेस्ट था। फिजिक्स में मेकेनिक्स, इलेक्ट्रिसिटी और मॉर्डन फिजिक्स पर खास जोर देने की जरूरत है। याद रखें एआइपीएमअी में फिजिक्स की तुलना में केमेस्ट्री में अधिक स्कोरिंग है। इसमें ऑर्गेनिक, इनऑर्गेनिक और फिजिकल तीनों को देख लें। इसमें एनसीईआरटी की बुक्स से अधिकांश क्वेशचन पूछा जाता है। फिजिकल कैमेस्टी फंडामेंटल और थ्योरी बेस्ट होता है। For your help - सलेबर्स को अच्छी तरह से देख लें।- अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस का करें आकलन
लास्ट टाइम में सिर्फ रिवीजन पर ध्यान दें। - समय कम हो तो केवल इंपॉर्टेट चैप्टर देखें। - स्ट्रेस फ्री रहें, निगेटिव मार्किंग से नहीं डरें।