PATNA : पीएमसीएच में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एसी में लगी आग की लपटें हथुआ वार्ड की ओर बढऩे लगीं. आनन-फानन में उस पर काबू पाया गया. हॉस्पीटल एडमिनिस्ट्रेशन को अब जाकर याद आया कि एसी की सर्विसिंग होती भी है या नहीं.


पीएमसीएच में एसी को लेकर कई बार मामला उठा है। आईसीयू से ऑपरेशन थियेटर तक के एसी प्रॉपर वे में काम नहीं करते हैं। वहां लगे तीन में से दो व कभी-कभी तो एक ही एसी काम करता है। इसके मेनटेनेंस को लेकर सर्विसिंग एजेंसियों पर भी अंगुलियां उठती रही हैं। जरूरी है मेनटेनेंस मालूम हो कि हर एसी को साल में कम से कम एक बार रेगुलर मेनटेनेंस की जरूरत होती है, ताकि कोई भी गड़बड़ी हो तो उसे दूर किया जा सके, लेकिन पीएमसीएच में पिछले कई सालों से इसे इग्नोर किया जाता रहा है। वहां लगे एसी के मेनटेनेंस वर्क नहीं के बराबर हुआ है। पीएमसीएच में बुधवार की रात हुए हादसे का मेन रीजन भी यही है। एसी पर बढ़ जाता है लोड
डिप्टी डायरेक्टर डॉ। आरके सिंह ने बताया कि गर्मी में आईसीयू से ओटी तक के एसी पर लोड काफी अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में शॉट सर्किट की घटनाएं बढऩे की आशंका बनी रहती है। कमोबेश यही स्थिति शहर के अन्य हॉस्पीटल व घरों में भी है। उसके मेनटेनेंस नहीं होने के कारण कभी-कभार इस तरह के हादसे हो जा रहे हैं

Posted By: Inextlive