patna : दस दिन पहले एक निजी नर्सिंग होम में प्लेटलेट्स इसलिए नहीं चढ़ाए गए क्योंकि ग्रुप मैच नहीं हो सका था. इसके बाद पीएमसीएच ब्लड बैंक जय प्रभा और रेड क्रास ब्लड बैंक से किसी तरह सेम ग्रुप का प्लेटलेट्स मंगाया गया. ऐसे मामले आए दिन आते रहते हैं. जबकि मेडिकल साइंस के अनुसार प्लेटलेट्स किसी भी ब्लड ग्रुप का किसी को भी चढ़ाया जा सकता है.


पीएमसीएच ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ। उपेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि जानकारी के अभाव में डॉक्टर ग्रुप की डिमांड करते है। जबकि वो जानते हैं कि सेम ग्रुप का ब्लड मिलने में समय लग जाता है। बेवजह प्लेटलेट्स चढ़ाने से बचें प्लेटलेट्स को लेकर यह जरूरी नहीं कि उसे ग्रुप के हिसाब से ही चढ़ाया जाए। बल्कि जिसका डब्लूबीसी काउंट कम होता है उसी को चढ़ाया जाता है। वो भी तब जब अचानक से काउंट काफी कम हो जाता है। लेकिन इस पर ध्यान देने की बजाए डॉक्टर जिसे मन उसे प्लेटलेट्स चढ़ा दे रहे हैं। इस वजह से प्लेटलेट्स की संख्या लगातार कम होती जा रही है। सेपरेशन ना होने पर खतरा
डॉ। संजय कुमार बताते हैं कि ग्रुप जरूरी नहीं है। लेकिन अगर ब्लड का सेपरेशन इनकंप्लीट रहा, उसमें ब्लड की मात्रा मिली रह गयी तो फिर वो रिएक्शन कर सकता है। इसके लिए जरूरी है कि प्लेटलेट्स की पूरी जांच के बाद उसे दिया जाना चाहिए। डॉक्टरों को भी चाहिए कि अगर ब्लड बैंक प्रॉपर सेपरेट करके दे रहे हैं तो आसानी से उसे डेंगू के पेशेंट को चढ़ाना चाहिए।  कोट

अगर आप डेंगू के मसले पर संजीदा है और चाहते है कि कोई डेंगू की मौत न मरे तो इसके लिए पटनाइट्स को चाहिए कि वो ब्लड बैंक में जाकर ब्लड डोनेट करें, ताकि उस ब्लड को सेपरेट कर प्लेट लेट्स निकाला जा सकें और पेशेंट की जान बचायी जा सकें।डॉ। विनय बहादुर सिंह रेड क्रास ब्लड बैंक Posted By: Inextlive