Patna: इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी आईआईटी में एंट्रेंस एग्जाम में एक बार फिर चेंजेज हो सकता है. 2013 में जहां आईआईटी में प्रवेश के लिए मेंस और एडवांस में बांटने का सिस्टम लागू किया गया है वहीं अब एक बार फिर ऑब्जेक्टिव की जगह सब्जेक्टिव क्वेश्चन पूछे जाने का प्रस्ताव बनकर तैयार है. सभी आईआईटीज की सहमति मिलते ही 2014 से यह सिस्टम लागू हो जाएगा.


हार्ड हो जाएगा एंट्रेंसआईआईटी के एंटे्रंस एग्जाम में तब्दीली होने से एक बार फिर आईआईटी में प्रवेश पाना कठिन हो जाएगा। पटना आईआईटी के अनुसार शीर्ष आईआईटी द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसके अनुसार नया पैटर्न ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव दोनों पर आधारित होगा, जिस कारण स्टूडेंट्स के लिए आईआईटी निकालना और भी कठिन हो जाएगा। नहीं रहेंगे कोई ऑप्शनआईआईटी द्वारा लिए जाने वाले एडवांस एग्जाम के ऑब्जेक्टिव पैटर्न को नेक्स्ट ईयर से चेंज करने की उम्मीद है। प्रस्तावित पैटर्न में मल्टी च्वाइस के स्थान पर क्वेश्चन को पूरा सॉल्व कर दिखाना पड़ेगा। इस प्रकार यह एग्जाम बदलकर सब्जेक्टिव हो जाएगा। एग्जाम में उत्तर देने का तरीका क्वेश्चन या उसके बाद खाली स्थान का हो सकता है। इसके साथ ही अधूरे प्रश्न को भी पूरा करने को कहा जाएगा। आंसर करने के लिए कोई ऑप्शन नहीं दिए जाएंगे।


30 साल पहले भी था यही पैटर्न

आईआईटी के एक प्रोफेसर ने बताया कि 30 साल पहले आईआईटी के एंट्रेंस में सब्जेक्टिव क्वेश्चन को सॉल्व करना होता था। देखा जाता है कि ऑब्जेक्टिव क्वेश्चंस होने से स्टूडेंट्स फॉमूला के आधार पर सही आंसर का चयन आसानी से कर लेते हैं, पर वह आंसर किस तरह से आया और क्यंू आया, इसका सही कांसेप्ट नहीं मिल पाता है। सब्जेक्टिव क्वेश्चंस होने से स्टूडेंट्स कांसेप्ट क्लीयर होने के बाद ही सही आंसर कर पाएंगे। पहले सिर्फ पीटी एग्जामपिछले साल तक आईआईटी द्वारा आईआईटी ज्वाइंट एंटे्रंस एग्जाम आयोजित किया जाता था। इसके जरिए सीधे आईआईटी की तमाम सीटों के लिए चयन हो जाता था। ऑब्जेक्टिव पैटर्न वाले इस एग्जाम का आयोजन कई सालों से किया जा रहा है। इस संबंध में मैथ के टीचर राजेश प्रकाश ने बताया कि पहले पीटी और मेंस होता था, पर 2007 से 2012 तक लगातार सिर्फ पीटी ही हो रहा है, जिससे क्वालिटी में थोड़ा चेंज आया है, इस कारण अब क्रीम आईआईटीयंस नहीं निकल पा रहे हैं। आईआईटी में जाने के बाद आ रही प्रॉब्लमआईआईटी पटना के एक प्रोफेसर के अनुसार स्टूडेंट्स ऑब्जेक्टिव आंसर करके आईआईटी में प्रवेश तो कर जाते हैं, पर उनका कई चीजों में कांसेप्ट क्लीयर नहीं हो पाता है। ऐसे में क्लास रूम में सब्जेक्टिव नॉलेज कम होने से कई तरह की प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है। यह हाल आईआईटी में टॉपर्स स्टूडेंट्स के साथ भी होता है।

स्टूडेंट्स के लेवल में कमी आई है। एग्जाम को फिर से सब्जेक्टिव पैटर्न में लाने का प्रयास किया जा रहा है। एक प्रस्ताव तो तैयार किया गया है। उम्मीद है कि नेक्स्ट ईयर से यह लागू भी हो जाए। सब्जेक्टिव क्वेश्चंस से स्टूडेंट्स में क्वालिटी आएगी। भौमिक, डायरेक्टर, आईआईटी पटनाऐसे आया है चेंजेज2001 से 2002 तकपीटी  - दिसंबर में मेन   - जून में2003 से 2006 तकपीटी   - अप्रैल मेंमेन   -  मई में2007 से 2012 तकएक एग्जाम होने लगा। आईआईटी जेईई नाम से इस एग्जाम में केवल आब्जेक्टिव क्वेश्चंस ही पूछे जाने लगे। 2013 में जेईई मेंस  - अप्रैल मेंजेईई एडवांस  - जून में

Posted By: Inextlive