बेझिझक करें गुड टच-बैड टच की बातें
PATNA : शहर में हाल में ही सेंट जेवियर्स स्कूल में हुई सेक्सुअल अब्यूज वाली घटना ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया था। इस घटना के बाद सवाल उठना शुरू हुआ कि क्या स्कूल में भी बच्चे सुरक्षित नहीं हैं? आरोप लेडी टीचर्स पर लगा था, जो चौंकाने वाला था। आई नेक्स्ट की इस वीक की डिस्कशन में इसी विषय पर शहर के एजुकेशन से जुडे़ एक्सपर्ट्स ने अपनी राय रखी। सबने एक स्वर में इस विषय को गंभीर बताते हुए पैरेंट्स और स्कूल की रिस्पॉन्सिबिलिटी को काफी इंपोर्टेट बताया। एक्सपर्ट्स का मानना था कि पैरेंट्स को भी इस बात की जानकारी हो इसके लिए वर्कशॉप्स के माध्यम से उन्हें अवेयर किया जाए। सबसे जरूरी बात बच्चों को उनके खुद के शरीर के बारे में बताया जाए, ताकि जब भी कोई गलत तरीके से छूए उन्हें पता चल जाए। इस डिस्कशन के मॉडरेटर एडिटोरियल हेड अश्वनी पांडेय रहे।
For Schools 4Every School should conduct counseling sessions regularly 4Every staff member must be aware about good-bad touchबच्चा चाहे लड़की हो या लड़का, हरासमेंट सबके साथ हमेशा से होता आया है। अब जागरुकता बढ़ी है तो मामले सामने आ रहे हैं। आपका बच्चा स्कूल, ट्यूशन, रिश्तेदार या मोहल्ले में किसी के घर खेलने जाता या जाती है, तो उसे यौन शोषण के बारे में पूरी जानकारी पैरेंट्स पहले से दें। उन्हें इसके प्रति अवेयर करें। अब समय आ गया है कि पेरेंट्स अपने बढ़ते हुए बच्चों के आगे चुप्पी न साधें। पैरेंट्स अपने बच्चों को सिंपल तरीके से समझाएं कि उन्हें यौन शोषण से कैसे बच कर रहना है।
- डॉ। पूजा त्रिपाठी, कम्यूनिकेशन स्पेशलिस्ट, केयर इंडिया अपर क्लास में प्यार जताने के लिए इंटिमेसी का सिस्टम है, जो अब धीरे-धीरे हर वर्ग तक पहुंच रहा है। ऐसे में यह पता करना मुश्किल है कि कौन सा टच गुड और कौन सा बैड है। बच्चों को काउंसलर्स की मदद से समझाना चाहिए, जिससे कोई उनको परेशान न कर सके। एसोसिएशन के माध्यम से हम प्रदेशभर के 500 से अधिक स्कूल में जागरुकता के कार्यक्रम करवाएंगे। - शमाइल अहमद, प्रेसिडेंट, चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन आजकल 7 साल की उम्र में ही बच्चे काफी मैच्योर होने लगे हैं। लड़की हो या लड़का, पैरेंट्स की जिम्मेदारी है कि उन्हें इस बात का अहसास दिलाए कि उनके साथ कोई भी गलत कर सकता है। परिवार, अपार्टमेंट, मोहल्ले लेवल पर बच्चों को जागरूक करें। - अमृता सिंह, सोशल एक्टिविस्ट, अस्तित्व फाउंडेशनबच्चों को बाहरी लोगों से दूर रखना सीखाएं। कोई उनके करीब आए तो उन्हें अनजान लोगों से दूर रहने के टिप्स दें। टीचर्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके आसपास किसी बच्चे के साथ इस तरह की समस्या न हो रही हो।
- फौजिया खान, वाइस प्रिंसिपल, वेस्ट प्वॉइंट स्कूल 10-20 साल पहले इसकी जरूरत नहीं थी। पैरेंट्स को समझाना होगा। बच्चे अब पहले जैसे नहीं रहे, उन्हें समझना काफी मुश्किल है। फादर को अपने बच्चों से जरूर बातें करनी चाहिए। कई बार बच्चे अपने ऊपर आने वाली समस्याओं को बताते ही नहीं। मुझे लगता है बैड टच गुड टच के बारे में काफी सावधानी से बच्चों को सारी बातें बतानी चाहिए। - अभिषेक पैट्रिक, असिस्टेंट डायरेक्टर, जेसस एंड मैरी एकेडमी संयुक्त परिवार में बच्चों को इन सबके बारे में बता दिया जाता था। अब बच्चे बात भी करना चाहें तो उन्हें कोई गैजेट पकड़ा दिया जाता है, ताकि वह डिस्टर्ब न करें। उन्हें बताना होगा कि किस तरह से कोई उन्हें छुए तो घर आकर बताना चाहिए। पूरे दिन की रिपोर्ट लेकर बच्चों की बातचीत से पता चलेगी कि वे हरासमेंट के शिकार तो नहीं हो रहे। - अंकुर कुमार, कुमुदनी एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्टबच्चें इतने तेज हैं कि उन्हें गंभीर से गंभीर बात भी समझाई जा सकती है। ये कोई मुश्किल काम नहीं कि उन्हें समझ न आए। उनसे खुलकर इन विषयों पर बात किया जाना चाहिए, पैरेंट्स के साथ एक अच्छा रिलेशन हो जहां वे सारी बातें शेयर कर सके। यहां स्कूल के टीचर का रोल भी अहम है क्योंकि पैरेंट्स के साथ वे टीचर्स के पास भी काफी समय बिताते हैं।
-डॉ। विभा कुमारी, लेक्चरर पैरेंट्स के लिए सेमीनार होनी चाहिए। स्कूल लेवल पर उन्हें इस सेंसेटिव इश्यू के बारे में जागरूक किया जाए। वे फिर अपने बच्चों को समझाएंगे तो असर होगा। रोजाना एक घंटे बच्चों से जरूर बात करें, जिससे उनके पूरे दिन की एक्टिविटी का पता चलता रहेगा। - पूजा शर्मा, वाइस प्रिंसिपल, जेसस एंड मैरी एकेडमी हमारी सोसायटी पॉल्यूटेड हो गई है। जान पहचान वाले ही धोखा दे रहे हैं। ऐसे में पैरेंट्स को हर शख्स से सावधान रहकर अपने बच्चों का ख्याल रखना चाहिए। टेक्नोलॉजी के जमाने में हम फास्ट ट्रैक पर चल रहे हैं, जहां हर काम जल्दबाजी में हो रहा है। मैं 34 स्कूल में गुड टच बैड टच पर मुहीम चलाउंगा। - के के वर्मा, प्रेसिडेंट, रोटरी, पटना Conclusion of discussion For parents 4Interact with your child regularly 4Tell them about sensitive body parts 4Make them aware about good and bad touch