आज के कवियों ने भरी हुंकार
छोटे उस्तादों का कवि सम्मेलन
'जाति, हाय रे जाति। कर्ण का हृदय क्षोभ से डोला, कुपित सूर्य की ओर देख वह वीर क्रोध से बोला। जाति-जाति रटते, जिनकी पूंजी केवल पाषंड, मैं क्या जानूं जाति? जाति है या मेरे भुजदंड.' छोटे उस्तादों का कवि सम्मेलन हो और जोश में उबलती कविताएं सुनने को न मिले, यह तो इंपॉसिबल है। हिंदी दिवस के मौके पर आई नेक्स्ट की ओर से गुरुवार को रेडिएंट इंटरनेशनल स्कूल परिसर में 'आज का कवि' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर स्कूल के कवियों ने धारदार कविताएं सुनाकर सबका दिल जीत लिया। आई नेक्स्ट की ओर से स्कूल कंपाउंड में ही स्कूली बच्चों के लिए कविता पाठ का आयोजन किया गया था। इस मौके पर सैकड़ों बच्चों के बीच पार्टिसिपेंट्स ने अपनी कविताएं सुनाईं। प्रतिभागी जैसे ही रामधारी सिंह दिनकर की ओजपूर्ण कविताएं सुनाते, पूरा हॉल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठता था। स्वलिखित कविता की श्रेणी में ग्यारह पार्टिसिपेंट्स शामिल हुए, जबकि जेनरल कविता पाठ में पंद्रह पार्टिसिपेंट्स ले भाग लिया। जजमेंट के बाद दोनों विधाओं में से प्रथम तीन को पुरस्कृत किया गया, जबकि फोर्थ और फिफ्थ पोजिशन पर आने वाले पार्टिसिपेंट्स को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए.
Result
Self written poem
1. Ayushi
2. Kajal
3. Anand Prabhakar
4. Shalini Kant
5. Bishwajeet
General
1. Divyanshu
2. Vaibhavi
3. Ekta
4. Vibhor Mishra
5. Niharika
Judges
1. Mr C.B। Singh
2. Mevid Heberd
3. Amlesh Kumar
4. Sanjeet Mishra (INEXT)