हाइपरटेंशन मतलब एनएच पर नॉन स्टाप ड्राइविंग
- युवाओं में सबसे ज्यादा बढ़ा है हाइपरटेंशन, सेक्सुअल डिस्आर्डर सबसे ज्यादा
- इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के हाइपरटेंशन सम्मिट में एक्सपर्ट्स ने शेयर किए व्यूजPATNA: आप भाग रहे हैं सुबह ऑफिस की ओर तो शाम घर की ओर। ऑफिस के टारगेट ने आपकी जिंदगी में इतना टेंशन भरा कि आपको पता ही नहीं चला कि आप कब हाइपरटेंशन के शिकार हो गए। ज्यादा छुट्टी ले ली तो आफिस ने भी किक लगा दिया। ये सच है ढ़ेर सारे युवाओं के। ये कहा एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। राकेश गुप्ता ने। राकेश इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के हाइपरटेंशन सम्मिट में हिस्सा लेने पटना आए हुए हैं। मौर्य होटल में आयोजित प्रोग्राम में उन्होंने कई और ऐसी बातों का जिक्र किया जिसे शांत मन से आपको समझना जरूरी है। सीएम जीतन राम मांझी ने कार्यक्रम का इनॉगरेशन किया। हंसना और खुश रहना खुद एक व्यायाम है। लोग सुबह नहीं जागते हैं। चिंता जिंदा आदमी को भी खा जाती है।
प्राइवेट जॉब बढ़ा रहा है हाइपरटेंशनडॉ। राकेश गुप्ता बताते हैं कि पिछले 10 सालों में तेजी से बढ़ी है ये डिजीज। बात युवाओं की करें तो वैसे युवा जो प्राइवेट नौकरियों में हैं उनपर इसका ज्यादा हमला है। 30 से 40 ईयर के युवाओं के बाल अब उड़ रहे हैं। आप लाख जतन कर लें लेकिन लाइफ में टेंशन कम नहीं कर पा रहे। ऑफिस करने दे तब ना टारगेट पूरा करने के चक्कर में बीमार रहते हुए भी दवा खा-खा कर काम करने की अजीब मजबूरी है.15 साल में प्रोग्रेस के साथ इलनेस भी तेजी से बढ़ा है। दो दिन का काम एक दिन में हम कर रहे हैं।
मैं जब यूएसए में था डॉ। राकेश गुप्ता ने बताया कि जब मैं यूएसए में काम करता था तो वहां सुबह सात बजे ऑफिस जाता था और तीन बजे बॉस से पूछता था सर जाऊं? जरूरत होती थी तो वे मुझे रोकते थे और वहीं से मेरा ओवरटाइम बनना भी शुरू हो जाता था। जरूरत नहीं रहने पर वे मुझे जाने को कहते थे। लेकिन अभी तक हमारे यहां ये नहीं हो पाया है। प्रीगनेंट लेडी पर ज्यादा खतराडॉ। मंजू गीता मिश्रा ने हाइरटेंशन एंड प्रेग्नेंसी टॉपिक पर अपनी बात रखते हुए कहा कि प्रेगनेंसी में रेगुलर चेकअप बहुत जरूरी है। अभी स्थिति ये है कि हेमे्रज होने के बाद मेटरनल डेथ सबसे ज्यादा हाइपरटेंशन की वजह से ही हो रहा है। प्रीग्नेंट लेडी को हाइपरटेंशन होने से कन्वलसन आता है। बीपी बढ़े तो चेकअप तुरंत कराएं। पहले से हॉस्पीटल में एडमिट कराएं।
हाइपरटेंशन से हो रहा सेक्सुअल डिसऑर्डर पटना के फेमस डॉक्टर डॉ। एस.एन। आर्या ने हाइपरटेंशन और सेक्स टॉपिक पर प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि इस हाइपरटेंशन की वजह से सेक्सुअल डिसआर्डर हो रहा है युवाओं में, ढ़ेर सारे युवा सुसाइड कर रहे हैं। बड़ी संख्या में यूथ सेक्स करने लायक ही नहीं रह गए हैं। एरेक्टाइल डिस्फंक्शन हो गया है। सेक्सुअल लाइफ खराब होने से कई तरह की प्रॉब्लम्स आ रही है। कई बार तलाक की नौबत तो कई बार सुसाइड। ऐसे नहीं कि ये एक तरफ है। दोनों तरफ देखने को मिल रहा है। प्रीमेच्चयोर एजाकुलेशन के शिकार हो रहे हैं युवा। युवाओं को सड़क छाप शर्तिया इलाज वाले विज्ञापनों से बचना चाहिए। ये बीमारी को और बढ़ा रहे हैं। किताब लिखा है हाइपरटेंशन एंड सेक्स पर डॉ। एस.एन। आर्या पद्मश्री से सम्मानित हैं। उम्र 80-85 के आसपास हैं। लेकिन इस उम्र में उन्हें हाइपरटेंशन और सेक्स पर किताब लिखने की जरूरत पड़ी। वे बताते हैं कि ये समस्या इतनी तेजी से बढ़ी है और बढ़ती ही जा रही है कि मुझे किताब लिखने की जरूरत पड़ गई। मेरी किताब लिखकर तैयार है। वह छप रही है। पटना में बढ़ा है हाइपरटेंशनडॉ। एस.एस। चटर्जी ने हाइपरटेंशन क्राइसिस मैनेजमेंट पर बात की। वे बताते हैं कि पटना में हाइपरटेंशन के मरीज पहले से काफी बढ़े हैं। ऐसे मरीजों में हर्ट अटैक, पारालाइसिस व किडनी फेल्योर की आशंका काफी बढ़ जाती है।
नई तकनीक से इलाज संभव डा प्रभात कुमार ने इंटरनेशनल एप्रोच इन मैनेजमेंट ऑफ हाइपरटेंशन टॉपिक पर अपनी बात कही। उन्होंने बताया कि मेडिसीन व लाइफ स्टाइल चेंज करने के बाद बीपी कंट्रोल नहीं होता है, इसे नियंत्रित किया जा सकता है नई तकनीक पर फोकस करके। किडनी में ब्लड सप्लाई अवरुद्ध होने से भी बीपी ज्यादा बढ़ जाता है। जिसे एनजियोप्लास्टी से ठीक किया जा सकता है। पेसमेकर डिवाइस BAT लगाने से बीपी कंट्रोल किया जा सकता है। खाने में नमक कम लें। फास्ट फूड न लें। जिकल एक्सरसाइड करें(टहलें, साइकिल चलाएं) स्मोकिंग न करें। तेल का यूज सब्जियों में कम करें डॉ। एस.एस। चटर्जी, कार्डियोलॉजिस्ट महिलाओं में भी ये बहुत बढ़ गया है। सटिस्फेक्शन नहीं हो पाने की समस्या लिए ढ़ेरों मरीज आ रहे हैं। आगे चलकर ये यूथ बीपी, पारालाइसिस व किडनी फेल होने का प्रॉब्लम झेल रहे हैं। - पद्मश्री डॉ। एस.एन। आर्या, जेनरल फीजिशियनहाइपरटेंशन का असर प्रीग्नेंट लेडी पर तो पड़ता ही है गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है। बच्चे के जन्म से पहले ही मौत का खतरा रहता है। और बच्चे का जन्म हो भी गया तो ग्रोथ पर असर पड़ता है।
डॉ। मंजू गीता मिश्रा, गाइनोकॉलोजिस्ट आपको हाइपरटेंशन हो इससे पहले ही संभल जाएं तो अच्छा है। जॉब चेंज कर लें। स्ट्रेस लेवल कम करें। एक्सरसाइज करें रेगुलर और पूरी स्लीप लें, सात घंटे। डॉ। राकेश गुप्ता, कार्डियोलॉजिस्ट, एम्स, दिल्ली हाइपरटेंशन होने पर हेडेक, थकावट, इरेटिबिलिटी, पेशाब कम होना, आंखों से धुंधला दिखाई देना और सांस फूलने जैसी शिकायत आती है। यानी ये मूल रूप से हर्ट, ब्रेन, आंख और किडनी को डेमेज करता है। सोचिए ये डेमेज हो गया तो जीना कितना मुश्किल है। डा। प्रभात कुमार, कार्डियोलॉजिस्ट