खेतों में काम कर सकेंगें मनरेगा मजदूर
-किसानों की आय बढ़ाने में सर्वाधिक लाभ बिहार को मिलेगा
श्चड्डह्लठ्ठड्ड@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ क्कन्ञ्जहृन्: उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मनरेगा, मजदूर केंद्रित योजना है, इसमें अब लघु व सीमांत किसानों की निजी जमीन में भी मनरेगा का इस्तेमाल किया जा सकता है। किसानों की आमदनी को दोगुना करने में मनरेगा का सर्वाधिक लाभ बिहार जैसे राज्य को मिलेगा, क्योंकि, यहां लघु व सीमांत किसान 97 फीसद हैं तथा खेतों की होल्डिंग मात्र 0.64 हेक्टेयर है। डिप्टी सीएम शनिवार कोबामेती में कृषि में मनरेगा की भागीदारी पर विचार करने के लिए बनी उपसमिति की कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड एवं उड़ीसा एवं केंद्र के कृषि पदाधिकारी भी शामिल थे। बढ़ेगी किसानों की आयसुशील मोदी ने कहा कि मनरेगा के जरिए किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है। इस वर्ष मनरेगा के जरिए 10 दिनों में 50 लाख पौधे लगाने हैं। निगरानी के लिए अलग से पैसे की व्यवस्था की गई है। खेती की लागत कम करने का प्रयास किया जा रहा है। बिहार में मार्च 2019 से डीजल से खेती की जरूरत नहीं पड़ेगी.कृषि मंत्री डॉ। प्रेम कुमार ने कहा कि किसानों की आय कम लागत में दोगुना करने के लिए सरकार लगातार योजनाएं चला रही है। इसका फायदा भी हो रहा है। बारिश में मनरेगा का काम बंद रहता है। इस दौरान मनरेगा का इस्तेमाल किया जा सकता है।
मछली पालन में भी दी सलाह नीति आयोग के सदस्य प्रो। रमेश चंद्र ने मनरेगा में सौ दिन की रोजगार गारंटी वर्ष भर करने की जरूरत बताई। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव एसके पटनायक ने जल संरक्षण, मछली पालन एवं वर्मी कम्पोस्ट के लिए मनरेगा के यूज की सलाह दी। विकास आयुक्त शशि शेखर शर्मा ने सुझाव दिया कि मनरेगा के जरिए सोन नहर प्रणाली के जीर्णोद्धार से खेतों सुधर सकती है।