मालखाना में कोरा कागज बन जाएगा नोट
अंग्रेजों के जमाने से है व्यवस्था
जुआरियों के साथ बदमाशों और चोरों से बरामद नोट को पुलिस पोटली बनाकर सील करने के बाद मालखानों में रखती है। ये व्यवस्था अंग्रेजों ने बनाई थी जो आज भी चल रही है। ऐसे में जब तक केस का निपटारा नहीं हो जाता है और कोर्ट से उसके स्वामी के पक्ष में पुलिस को रिलीज आर्डर नहीं मिलता वह उसके साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकती है। अधिकारियों के मुताबिक पुलिस बरामद रुपए को मालखाना में रखने के बाद बस उसकी सुरक्षा पर ध्यान देती है। वह उस समय का इंतजार करती है जब न्यायालय से कोई आदेश मिले।पुराने नोट मुसीबत बन जाएंगेबिहार पुलिस एसोसिएशन ने डीजीपी को लिखे पत्र में कहा है कि प्रदेश के सभी थानों में 500 और 1000 के नोट ज?ती सूची में बड़ी संख्या में हैं। न्यायालय के आदेश के अनुसार प्रदेश के सभी थानों में करोड़ों रुपए ज?ती के मालखानों में जमा कराए गए हैं। उन्होंने कहा है कि यदि 30 दिसंबर के बाद ज?त नोटों को न्यायालय द्वारा मुक्ति आदेश निर्गत होता है तो इन पुराने नोटों के लेन देन में कानूनी अड़चन उत्पन्न होगी। एसोसिएशन ने मांग की है कि सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित करें कि मालखाना में ज?त 500 और 1000 के नोट के संबंध में संबंधित न्यायालय से दिशा निर्देश प्राप्त कर अग्रिम कार्रवाई की जाए.
करोड़ों रुपए हो जाएंगे रद्दीजिला थानों की संख्या मालखाना में धनराशि पटना 67 1 करोड़ से अधिक पूर्णिया 31 1. 37 करोड़ कटिहार 29 62. 80 लाख किशनगंज 17 57 लाख अररिया 24 43. 20 लाख सुपौल 24 73. 57 लाख मधेपुरा 19 56 लाख सहरसा 21 70. 30 लाख नोटबंदी के बाद प्रदेश में ही नहीं देश के थानों में रखे जब्ती के 500 और 1000 के नोट के अस्तित्व पर संकट है। समय रहते नोटों का निस्तारण नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में बड़ी समस्या आ जाएगी। डीजीपी को पत्र लिख कार्रवाई करने की मांग की गई है. - मृत्युंज्य कुमार सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार पुलिस एसोसिएशन