बेसिकॉन 2022 का दो दिवसीय कार्यक्रम शुरू

पटना (ब्यूरो)। पित्त की थैली में पत्थर व कैंसर, पित्त की नली में पत्थर, पैंक्रियास में पत्थर व कैंसर, बड़ी आंत का कैंसर, किडनी में पत्थर जैसे आम बीमारी गया में काफी पाया जाता है। लेप्रोस्कोपिक विधि से इसका इलाज आसान है। पेशेंट जल्दी ठीक हो जाते हैं, रिकवरी का समय कम होता है। ये बातें आईजीआइ्र्रएमएस के गैस्ट्रोसर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ मनीष मंडल ने कही। वे बेसिकॉन 2022 का दो दिवसीय के शुभारंभ के मौके पर एड्रेस कर रहे थे। लेप्रोस्कोप की विधि द्वारा चर्चा कर सगोष्ठी के माध्यम से कॉन्फ्र ंस में आये हुये शल्य चिकित्सको को जानकारी दी गयी। डॉ रतन कुमार संयोजक अध्यक्ष बेसिकॉन 2022 ने बताया कि इसमे 50 से भी अधिक रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया गया।

गरीब लोगों को मिले फायदा
संगोष्ठी के दौरान डॉ रतन कुमार ने कहा कि सर्जरी से संबंधित बीमारियों के उच्च तकनीक द्वारा लेप्रोस्कोपिक विधि से ऑपेरशन वीडियो के माध्यम से कर के दिखाया गया ताकि सर्जन डॉक्टरों को इसकी उच्च तकनीक की जानकारी मिल सके तथा इसका फायदा गरीब जनता को भी सीधे तौर पर उपलब्ध हो। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ राकेश कुमार सिंह, आईजीआईएमएस पटना ने अपने अभिभाषण में पेनक्रियाज के कैंसर का दूरबीन विधि द्वारा आपरेशन बिहार में अब आईजीआईएमएस पटना व एम्स पटना में उपलब्ध है जो कि लगभग एक लाख रुपये के खर्च पर सम्भव है। इसी बीमारी का इलाज प्राइवेट संस्थान में दूरबीन वृद्धि द्वारा ऑपेरशन किया जाता है तो लगभग 4 से 5 लाख रु खर्च होते हैं। अगर मरीज को मुख्यमंत्री राहत कोष या आयुष्मान भारत से सहायता उपलब्ध होती है तो यह जटिल आपरेशन मुफ्त में आईजीआईएमएस में किया जा सकता है

सीखने का मिला मौका
डॉ सहजानन्द प्रसाद सिंह, आईएमएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आज अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि सर्जन डॉक्टरों को हाई क्वालिटी की बेहतरीन तकनीक सीखने को मिली होगी। उन्होंने एएसआई गया चैप्टर को विशेष रूप से धन्यवाद दिया। डॉ आशीष प्रसाद आयोजन सचिव ने बताया कि पटना से डॉ मनीष मंडल, डॉ सी खंडेलवाल, डॉ प्रियरंजन, डॉ प्रशांत कुमार, डॉ एनपी नारायण, डॉ संजय कुमार, डॉ अतुल वर्मा मुख्यतौर पर मौजूद थे

Posted By: Inextlive