हम सिर्फ तमाशा देखेंगे
- स्कूटर से कार क्या टच हो गई, उसे बीच सड़क दौड़ाकर पीटा गया
- कार में उठाकर मारते हुए ले गए और वहां सब देखते रहे - माफ करें जनता 'डर' से पुलिस 'आदत' से मजबूर है समाज पर सवाल क्या हम इतने संवेदनहीन हो चुके हैं कि कोई हमारे सामने पिटता रहे और हम सिर्फ तमाशबीन बनकर देखते रहेंगे? पुलिस पर सवाल हल्की सी ठोकर पर दबंग सरेराह पिटाई कर देता है, अपहरण कर लेता है और पुलिस फोन तक नहीं उठाती? manish.mishra@inext.co.inPATNA : अचानक 90 फीट मोड़ पर एक लग्जरी गाड़ी खड़ी हुई। आगे पीछे जाम लग गया। लोग हार्न पे हार्न बजाए जा रहे थे लेकिन बीच सड़क पर खड़ी लग्जरी वाहन के चालक पर कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था। गाड़ी से ?लैक चश्मे में डंडा लिए उतरा दबंग गाड़ी के पीछे खड़े एक स्कूटर सवार को पहले खींचकर जमकर पीटा फिर जबरन गाड़ी में बैठाकर भाग गया। हर कोई तमाशा देख रहा था। न किसी ने विरोध किया और न ही कोई बचाने के लिए आगे आया। किसी ने पुलिस तक को फोन करने की जहमत तक नहीं उठाई। ये फिल्म की कहानी नहीं बल्कि पटना की सड़कों पर चल रही गुंडई की आंखों देखी हकीकत है। लोगों के अंदर खत्म हो रही मानवीय संवेदना और पुलिस चौकसी के दावों की हकीकत बयां करती दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की यह रिपोर्ट
कभी आपका कोई अपना भी हो सकता है -शास्त्रीनगर थाना एरिया के 90 फीट मोड़ पर सोमवार दोपहर लगभग क्ख् बजे की है घटना । -तेज रफ्तार एक गाड़ी रुकी और पीछे से आ रहा स्कूटर सवार अनियंत्रित होकर भिड़ गया। -लग्जरी गाड़ी का इंडिकेटर टूट गया, और दोनों स्कूटर सवार को हल्की चोट भी आई। -चालक ने बीच सड़क पर गाड़ी खड़ी कर जाम लगा दिया और उसमें से डंडा लेकर उतरा युवक स्कूटर चालक को पीटने लगा। -रामनगरी निवासी स्कूटर चालक बबलू को जबरन गाड़ी में बैठाकर भागने लगा। -साथी के अपहरण की घटना पर स्कूटर पर सवार दूसरे युवक ने शोर मचाया लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पुलिस को बुलायाघर से बाहर कोई घटना होती है तो आम धारणा यही होती है कि लोग मदद करेंगे और एक कॉल पर पुलिस भी सामने आ जाएगी। लेकिन इस भ्रम को टूटते देखा गया। घटना के समय दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर पहुंचा और पीडि़त के साथी को लेकर गाड़ी का काफी दूर तक पीछा किया। तेज रफ्तार में गाड़ी एजी कॉलोनी की तरफ निकल गई। इस बीच हनुमान मंदिर के पास भी उसे गाड़ी से उतारकर पीटा गया।
पुलिस का क्00 नंबर भी फेल पीडि़त की मदद के लिए रिपोर्टर ने मोबाइल से लगातार क्00 नंबर डायल किया लेकिन हर बार पुलिस की आपातकालीन सेवा व्यस्त मिली। क्भ् मिनट से अधिक समय तक पुलिस के क्00 नंबर की व्यस्तता से मदद नहीं मिली और समय जाया गया। कई बार प्रयास के बाद भी जब रिस्पांस नहीं मिला तो रिपोर्टर ने शास्त्रीनगर थाना के इंस्पेक्टर को फोन किया। इंस्पेक्टर को फोन करने के क्भ् मिनट बाद जीप से पहुंचे पुलिस वालों ने घंटों तलाश के बाद गाड़ी पकड़ी। फिर क्या, वही हुआ जो यहां होता है। पुलिस ने अपने अंदाज में इस गंभीर मामले की इतिश्री समझौते के साथ कर दी।