अब आप भी अपनी पसंद के शेर-बाघ को ले सकते हैं गोद
shekhar.jha@inext.co.inPATNA : अगर आप शेर या बाघ पालने का शौक रखते हैं तो देर ना करें. अब इसे आसानी से गोद ले सकते हैं. बस इसके लिए जू प्रबंधन से परमिशन लेनी होगी. उसके बाद छह महीने या साल भर के लिए गोद ले सकते हैं. संजय गांधी जैविक उद्यान में इन जानवरों के करीब 12 सौ से अधिक प्रजातियां है. जिसमें से अपने पसंद के जानवर को गोद ले सकते हैं. इसके लिए जू प्रबंधन को तय राशि देनी होगी. उसके बाद प्रबंधन उस राशि से गोद लिए जानवरों को खाना खिलाएगा. साथ ही संबंधित जानवर के बाड़े के पास गोद लेने वाले व्यक्तिका नाम और कब से कब तक गोद लिया गया है इसकी जानकारी लिखी रहेगी.
बचेगा जू प्रबंधन का पैसा जानवरों को खाना खिलाने के लिए जू प्रबंधन को अलग से बजट तय करना होता है। अगर जू के जानवरों को अधिक से अधिक लोग गोद लेते हैं तो जू प्रबंधन का इस मद में पैसा बचेगा। जिसे जू के अन्य विकास कार्यों में उपयोग किया जा सकता है. तो दोबारा करना होगा आवेदन उद्यान के 15 प्रजातियों के जानवरों को एक व्यक्तिछह महीने और सालभर के लिए गोद ले सकते हैं। अधिक समय के लिए दोबारा आवेदन करना होगा। उद्यान के जानवरों को कोई प्रतिष्ठान, संस्थान या कंपनी वाले भी गोद ले सकते हैं। वे एक साल, दो साल, तीन साल या पांच साल के लिए जानवरों को गोद ले सकते हैं. गोद लेने के लिए ऐसे करें आवेदन
जानकारी के मुताबिक संजय गांधी जैविक उद्यान के जानवरों को गोद लेने के लिए सबसे पहले जू प्रबंधन को आवेदन करना होगा। इसमें बताना होगा कि कौन से जानवर को कितने दिनों के लिए गोद लेना चाहते हैं। उस जानवर को यदि कोई पहले से गोद नहीं लिया है तब आसानी से मिल जाएगा। अन्यथा पहले से गोद लिए व्यक्ति की अवधि समाप्त होने के बाद ही दूसरे के लिए उपलध हो सकेगा।
जानवरों के नाम ६ महीने १ साल
हाथी 1.50 लाख 2.25 लाखजिराफ 1.20 लाख 1.80 लाख शेर 1 लाख 1.50 लाख बाघ 1 लाख 1.50 लाख हिमालयन भालू 50 हजार 75 हजार तेंदुआ 50 हजार 75 हजार गोल्डन कैट 20 हजार 30 हजार लैपर्ड कैट 20 हजार 30 हजार जंगल कैट 20 हजार 30 हजार किस जानवर के लिए कितनी राशि जानवर १ साल २ साल ३ साल ५ साल हाथी 3.85 5.82 7.59 9.57 जिराफ 2.75 4.15 5.42 6.83 शेर 1.98 2.99 3.90 4.92 बाघ 1.98 2.99 3.90 4.92 तेंदुआ 1.10 1.66 2.17 2.73 चिम्पांजी 1.50 2.25 3 4 सभी जानवरों की उम्र एवं राशि (लाख)उद्यान में मौजूद जानवरों को व्यक्तिके अलावा संस्थान या कंपनी वाले भी गोद ले सकते हैं। जू प्रबंधन की ओर से राशि तय की गई है, जिसे देना होगा। इसके बाद उस राशि से जानवरों को खाना खिलाया जाएगा. - नंदकिशोर, डायरेक्टर, संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना