Patna: पीयू में पीएचडी कोर्स का मामला एक बार फिर से फंस गया है. फेलोशिप कमेटी के क्लियर इंस्ट्रक्शंस थे कि 2009 के रेग्युलेशन के हिसाब से पीएचडी कोर्स कराना है. पीयू में इस रेग्युलेशन को राजभवन ने नवंबर 2012 में हीं पास कर दिया था.


रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया गयाइस के अकार्डिंग पहले स्टूडेंट्स को पीएचडी कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रिसर्चर्स ने अगस्त मंथ से ही सोशल साइंस के नौ सब्जेक्ट में कोर्स वर्क करना शुरू कर दिया है। प्रो। नवल किशोर चौधरी को सोशल साइंस का नया डीन  बनाया गया है। पास्ट रेग्युलेशन के अकार्डिंग कोर्स वर्क करने वाले रिसर्चर्स का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया गया है। रिसर्चर्स को क्लियर इंसट्रक्शन्स दिए गए हैं कि रूल के अकार्डिंग हीं पीएचडी कोर्स में एडमिशन होगा। न्यू रूल्स के अकार्डिंग कोर्स वर्क में एडमिशन के लिए 10 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन कराना होगा। क्लासेज एक फरवरी से स्टार्ट हो जाएंगी।यह बात गलत है
प्रो। नवल किशोर चौधरी ने बताया कि पुराने वाले रूल के अंडर वैसे लोग भी आते हैं, जो पीएचडी कोर्स कर चुके है और थीसिस भी सबमिट कर चुके हैं। न्यू रूल्स के अकार्डिंग छह मंथ का मेथेडोलॉजी कोर्स का एडमिशन हो चुका है, यह बात गलत है। ओल्ड रूल्स के अकार्डिंग रिसर्च वर्क करने वाले रिसर्चर्स राजीव रंजन, राजेश, राज सिन्हा व विक्रम सिन्हा ने कहा कि हुमैनिटीज के कैंडिडेट को ओल्ड रूल्स के अकार्डिंग हीं पहले कोर्स वर्क कराया गया है।156 रिसर्चर्स ने किया अप्लाई  


156 रिसर्चर्स ने पीएचडी कोर्स में एडमिशन के लिए अप्लाई किया था। अब छह कोर्सेज करने के बाद सर्टिफिकेट दिया जा रहा है। पर सोशल साइंस में ऐसा नहीं किया जा रहा।

Posted By: Inextlive