Patna : पीयू एडमिनिस्ट्रेशन का दावा था कि नए सेशन में स्टूडेंट्स के हाथों में टैबलेट होगा और उसके फंक्शन के लिए पूरी तरह एफिशिएंट होगा.


Students को मिलना था low price tablet पटना यूनिवर्सिटी में न्यू ईयर के साथ शुरू हुआ था टेक्नीकल सेलिब्रेशन टाइम। बुनियाद पुराने कैलेंडर इयर में ही रख दी गयी थी। पीयू एडमिनिस्ट्रेशन ने मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट डिपार्टमेंट की सब्सिडी पर टेबलेट देने के डिसीजन को हाथों-हाथ लपका था और इसे एक्सेप्ट भी किया था। इसके अलावा ई-लेक्चरिंग जैसी कई हाईटेक फैसिलिटीज की अनाउंसमेंट पहले ही हो चुकी थी, पर आधा कैंलेंडर इयर और पूरा सेशन बीतने के बाद भी सारी हाईफाई अरेंजमेंट्स हवा में ही रह गई।17,000 टैबलेट्स की डिमांड


एमएचआरडी के लेटर के बाद पटना यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल, पीजी डिपार्टमेंट के एचओडीज, इंस्टीच्यूट के डायरेक्टर-इंचार्ज, सेंट्रल डिस्पेंसरी के सीएमओ, सेंट्रल लाइब्रेरी के लाइब्रेरियन, यूनिवर्सिटी इंजीनियर, प्रेस सुप्रिटेंडेंट के साथ सभी सेक्शन ऑफिसर को लेटर लिखकर रिक्वायरमेंट भेजने का डायरेक्शन दिया था। इसके बाद सभी को कंप्यूटर सेंटर इंचार्ज प्रो केपी सिंह के पास ईमेल के जरिए रिक्वायरमेंट बतानी थी। पीयू में सभी के लिए आकाश टेबलेट 1138 रुपए में अवेलेबल होना था। इसके 17,000 एप्लीकेशन आई थी।क्या था एमएचआरडी का इनिशिएटिव

एमएचआरडी ने आकाश टेबलेट के लिए 100 से अधिक यूनिवर्सिटीज को रिकोमेंड किया था। इसकी लांचिंग 5 अक्टूबर 2011 को एमएचआरडी मिनिस्टर कपिल सिब्बल ने की थी। यूनिवर्सिटी-कॉलेज स्टूडेंट्स, टीचर्स और हायर एजुकेशन से जुड़े दूसरे लोगों के लिए इसकी प्राइस पर 50 परसेंट सब्सिडी देने की प्लानिंग थी। इस प्लानिंग में एक लाख टेबलेट पर्चेज करने की बात थी, जिससे हायर एजूकेशन सेक्टर में नया रेवोल्यूशन लाया जा सके। इसके अलावा इस टेबलेट को ई-गवर्नेंस के प्रोजेक्ट्स में भी शामिल करने की प्लानिंग हुई थी।स्टूडेंट्स को मिलने वाले टेबलेट का मॉडल नाम  आकाश प्राइस  1138 रुपए रैम  256 एमबीओएस 2.2 फ्रॉयोनेटवर्क  वाईफाईमेड इन  इंडियारीबेट  50 परसेंट (फॉर स्टूडेंट्स)Benefits of Aakash tablet * दूसरे टेबलेट के मुकाबले बेहद सस्ता। * वाई-फाई इनबिल्ड। * इंटरनेट यूज के लिए सस्ता और हाईटेक डिवाइस।* वेब, ईमेल के साथ सोशल नेटवर्किंग साइट की आसान सर्फिंग। * ऑफिस सूट, एजूकेशनल सॉफ्टवेयर के साथ 15000 एप्लीकेशंस।प्रोजेक्ट डिले के रीजनएमएचआरडी के टेबलेट देने की प्लानिंग सभी जगहों पर एप्रीशिएट हुई थी। इसलिए डिमांड अधिक हो गयी, जबकि प्रोडक्शन लिमिटेड ही थी। इसके अलावा कंपनी ने मार्केट में आने वाले टेबलेट के प्रोडक्शन पर ज्यादा ध्यान रखा है जो कि कंपैरिटिवली महंगा है।

Posted By: Inextlive