सिसक रहा है बचपन, टूट रहे हैं सपने
PATNA: जिस देश के बच्चों का कोई भविष्य नही होता है, उस देश का भी अपना कोई भविष्य नहीं होता है। यह जानने के बावजूद बिहार की स्थिति में कोई खास परिवर्तन नही हो रहा है। यह हम नहीं बल्कि आंकड़े कह रहे हैं। क्योंकि कहने को तो बिहार में एक भी बाल श्रमिक काम नहीं करते हैं। लेकिन हाल ही में जारी एक सर्वे ने इस हकीकत को ही झूठा साबित कर दिया है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सबसे अधिक बिहार में ही बाल श्रमिकों से काम लिया जाता है। चाहे वाह होटल हो या बड़े ज्वेलरी शॉप। हर जगहों पर कम उम्र के बच्चों से काम लिया जा रहा है। वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर के मौके पर पढि़ए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खास रिपोर्ट
- पांच महीने के सर्वे में बिहार टॉप मेंबच्चों के लिए काम करने वाली प्रथम काउंसिल फॉर वल्नरेबल चिल्ड्रेन संस्था ने दिसम्बर ख्0क्म् से अप्रैल ख्0क्7 के बीच सात राज्यों के म् लाख दुकानों में सर्वे किया। इसमें ख्म्ब्8 बच्चे काम करते देखे गए। दूसरी तरफ सिर्फ पटना की बात करें तो फ्भ् हजार दुकानों का सर्वे किया गया। जहां 99ख् बच्चे काम करते मिले, जो सभी राज्यों में पहले पायदान पर है। वही, सबसे कम गुजरात में पाया गया है।
- संस्था ने मांगी एसएसपी से मदद पांच महीने की रिपोर्ट में बाल श्रमिकों की बड़ी संख्या सामने आने के बाद संस्था के सदस्यों ने पटना एसएसपी मनु महाराज को रिपोर्ट सौंपी है और पूरे मामले की जानकारी दी। उनसे मदद मांगी है कि जनरल स्टोर, ज्वेलरी शॉप, होटल सहित अन्य जगहों पर काम करने वाले बच्चों को मुक्त कराया जाए। - इस नंबर पर दें जानकारी किसी होटल या जनरल शॉप पर क्ब् वर्ष से कम उम्र के बच्चे काम करते हुए देखें तो आप भी इसकी जानकारी विभाग को दे सकते हैं। आपका नाम गोपनीय रखा जाएगा। इसके लिए आपको चाइल्ड लाइन के क्098 नंबर पर कभी भी फोन लगा सकते हैं। क्यों कम नहीं हो रही संख्या - आर्थिक तंगी के कारण कम उम्र में बच्चे काम करने लगते हैं। - दुकान पर काम करते बच्चों को पकड़ते हैं तो उसकी उम्र साबित करने में दिक्कत आती है - विभाग के कर्मचारी भी छापेमार कार्रवाई नहीं करते हैं। - कम उम्र के बच्चों से काम कराने वालों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती है। - - किस इंडस्ट्री में सबसे अधिक बच्चे मिलेइंडस्ट्री बाल श्रमिक
होटल क्0क्7 जनरल शॉप 9क्0 गैरेज फ्म्क् गारमेंट ख्क्म् पोल्ट्री 8ब् कॉस्मेटिक एंड ज्वेलरी म्0 - इतने राज्यों में किया सर्वे राज्य दुकान की संख्या महाराष्ट्र ब्,ख्ख्,फ्9फ् बिहार फ्भ्,8क्भ् तेलंगाना फ्भ्,000 उत्तरप्रदेश फ्भ्,000 गुजरात फ्ख्,000 राजस्थान ख्भ्,000आंध्र प्रदेश ख्,भ्0,00क्
- इतने बच्चे मिले काम करते राज्य बच्चे बिहार 99ख् उत्तर प्रदेश भ्म्8 महाराष्ट्र ब्77 तेलंगाना ख्ब्ब् राजस्थान ख्क्फ् आंध्रप्रदेश क्क्भ् गुजरात फ्9 बाल श्रमिकों को लेकर बिहार सहित 7 राज्यों में सर्वे किया गया। इसमें बिहार में सबसे अधिक कम उम्र के बच्चे शॉप पर काम करते हुए मिले। उन बच्चों को मुक्त कराने को लेकर पटना एसएसपी को रिपोर्ट सौंपी गई है। सर्वे के दौरान लोगों को बाल श्रमिक को लेकर अवेयर भी किया जा रहा है। - सूरंमया सदानंदन, बिहार राज्य समन्वयक, प्रथम काउंसिल फॉर वल्नरेबल चिल्ड्रेन