पिन घुसाकर cash अटका देता था ATM fraud
घटना 22 फरवरी की हैकस्टमर ने समझा कि मशीन खराब है, लेकिन अकाउंट से दस हजार रुपए निकल गए। इसकी इंफॉर्मेशन बैंक को दी। बैंक वालों ने फोन किया कि कुछ लोग पकड़े गए हैं, आकर पहचान कीजिए। जब उस कस्टमर ने देखा तो ये वही लड़के थे, जो उसके रुपए निकालने के बाद आए थे। यह घटना 22 फरवरी की है। हो चुका है हादसा
शफकत फातिमा अकेली नहीं थी, जिसके साथ ऐसी घटना हुई। 11 मार्च को बिहार असेम्बली में डिप्टी सेक्रेटरी शिवशंकर प्रसाद भी जब बोरिंग रोड के कैनरा बैंक के एटीएम से रुपए निकाल रहे थे, तो ऐसा ही हुआ था। उनके भी 15 हजार रुपए नहीं निकले थे, जिसकी कंप्लेन बैंक को दी गई थी। ऐसे मामलों के लगातार आने के बाद बैंक ऑफिसर्स के भी होश उड़े थे और वे इस पर पैनी नजर रखे हुए थे। कंकड़बाग कम्यूनिटी हॉल वाले एटीएम पर बैंक की नजर थी और बुधवार को ठीक वैसे ही दो लोग कैमरे में दिख गए, जो शफकत फातिमा के पीछे एटीम में घुसे थे। फिर क्या था, आनन-फानन में बैंक कर्मी एटीएम में पहुंचे और शटर डाऊन कर दिया। कंकड़बाग पुलिस को खबर दी गई। नवजोत व उसके साथ एक और को अरेस्ट किया गया।
कस्टमर बाहर, शातिर अंदरएटीएम से रुपए निकालने का इनलोगों ने यूनीक तरीका निकाल रखा था। एटीएम में घुसकर उसमें पिन लगा देते थे। लोग रुपए निकालते थे, पर वह बाहर नहीं आता था। दुबारा निकालने पर भी नहीं निकलता था, तो मशीन खराब समझकर निकल जाते थे। बाद में इस गिरोह के मेम्बर एटीएम के अंदर जाते थे। मशीन से पिन निकालते ही फंसा रुपया बाहर आ जाता था। ये शातिर बिना किसी मेहनत के रुपए लेकर फरार हो जाते थे।होंडा सिटी से था नवजोतनवजोत को पुलिस ने अरेस्ट किया। उसे देखकर कोई भी यह नहीं कह सकता कि वह ऐसा काम भी कर सकता है। उसके फादर कांट्रैक्टर हैं और वह शहर के एक फेमस स्कूल का स्टूडेंट है। नवजोत सिटी होंडा कार (बीआर 01 बीआर 9323) से आया था। सिटी एसपी जयंत कांत ने बताया कि गाड़ी किसकी है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। इनसे रिलेटेड अन्य लोगों के बारे में पता लगाया जा रहा है। कोई भी घुसकर कर सकता है छेड़छाड़!
एटीएम में घुसकर उसमें पिन लगाना, छेड़छाड़ करना, सिक्योरिटी पर सवाल खड़ा करता है। आखिर एटीएम सेंटर में घुसकर इतनी हिम्मत एक बार नहीं, कई बार करने वाले इन लड़कों को कभी किसी ने नहीं देखा। वहां सिक्योरिटी के लिए बैठा गार्ड या फिर एटीएम के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे को कोई कभी मॉनिटर ही नहीं करता। जब मामले एक के बाद एक आने लगे, तब इस पर ध्यान दिया गया।