बिना हेलमेट के पीछे बैठे, तो लगेगा फाइन
कार में बगैर सीट बेल्ट लगाए बैठे या आगे में बच्चे को बिठाए तो खैर नहीं
- सड़कों पर बढ़ रहे एक्सीडेंट की वारदात को देखते हुए दिया गया आदेश - एक्सीडेंट के दौरान मेजर और ट्रामा से बचाने की दिशा में उठाया जा रहा कदम - परिवहन डिपार्टमेंट की फरमान के बाद सकते में आयी ट्रैफिक पुलिस श्चड्डह्लठ्ठड्ड@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठक्कन्ञ्जहृन्: शहर की सड़कों पर बढ़ती स्पीड को देखते हुए जल्द ही पटनाइट्स के बीच एक बड़ा और कड़ा नियम लागू होने वाला है। एक ऐसा नियम, जिसे हर किसी को फॉलो करना है। जो नहीं करेगा, उस पर ऑन द स्पॉट ट्रैफिक डिपार्टमेंट की ओर से फाइन टोका जाएगा। अब तक बाइक पर बेलगाम स्पीड के और बिना हेलमेट के चलने वाले पटनाइट्स पर अब शामत आने वाली है। ट्रैफिक रूल्स के मुताबिक ऑन द स्पॉट फाइन के साथ-साथ ड्राइविंग लाइसेंस भी कैंसिल किए जाने की बात चल रही है। यही नहीं, फोर व्हीलर वाले अगर सीट पर सीट बेल्ट के बिना चलते हैं या फिर अपनी अगली सीट पर बच्चे को लेकर बैठते हैं, तो उन पर भी कड़ा एक्शन लिया जाएगा। परिवहन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी विजय प्रकाश ने बताया कि इस बावत पटना सहित पूरे बिहार में एक साथ लागू किया जाएगा, क्योंकि इससे एक्सीडेंट की वारदात में कमी आए न आए, पर एक्सीडेंट की वजह से होने वाले ट्रामा केयरिंग और मौत पर काबू पाया जा सकता है।
स्कूटी पर भी लगेगी ब्रेक अमूमन शहर में स्कूटी से चलने वाली लड़कियां बिना हेलमेट के ही सफर करती हैं। इसके बाद भी पटना पुलिस और ट्रैफिक पुलिस उसे रोकने से परहेज में करती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। बिना हेलमेट के स्कूटी चलाने पर भी कार्रवायी की जाएगी, साथ ही उसके पीछे अगर बिना हेलमेट की उसकी फ्रेंड होगी, उस पर भी फाइन किया जाएगा। पहले लेवल पर स्कूटी को पुलिस जब्त कर लेगी। इसके बाद फैमिली मेंबर को बुलाकर स्कूटी सौंपा जाएगा। जानकारी हो कि एक से दो महीनों के अंदर ये सारे नियम लागू हो जाएंगे, क्योंकि इस बावत सीनियर ऑफिसर्स के साथ मीटिंग चल रही है। एसपी व डीटीओ से मंगाई जा रही लिस्टपरिवहन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी विजय प्रकाश ने बताया कि इस बावत स्टेट के तमाम डिस्ट्रिक्ट के एसपी और डीटीओ से लिस्ट मांगी जा रही है। उसमें एक्सीडेंट की वारदात सहित उससे होने वाली मौत, सड़कों पर ट्रैफिक अरेंजमेंट सहित कई डिटेल मंगाए जा रहे हैं, जिसके बाद फौरन उस पर एक्शन उठाया जाएगा। जानकारी हो कि पटना सहित आसपास के एरिया में एक्सीडेंट की बढ़ते वारदात को कंट्रोल कर पाने में डिस्ट्रिक्ट पुलिस और डीटीओ नाकाम रही है। आनन-फानन में ड्राइविंग लाइसेंस बन जाने की वजह से सड़कों पर दूसरों का चलना दुश्वार हो जाता है।
2013 के महीने बार आंकड़े जनवरी, फरवरी, मार्च : 2407 एक्सीडेंट अप्रैल, मई, जून : 29995 एक्सीडेंट जुलाई, अगस्त, सितंबर : 2375 एक्सीडेंट अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर : 2321 एक्सीडेंट (एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 10,198 एक्सीडेंट के मामले बिहार में दर्ज किए गए, जिनमें 4989 लोगों की मौत हुई है.) बिहार में गाडि़यों से होने वाले एक्सीडेंट ट्रक और लॉरी से एक्सीडेंट : 1015 मौत बस से एक्सीडेंट - 741 मौत ऑटो से एक्सीडेंट - 438 मौत जीप से एक्सीडेंट - 477 मौत कार से एक्सीडेंट - 525 मौत टू व्हीलर से एक्सीडेंट -701 मौत साइकिल से एक्सीडेंट - 42 मौत पैदल चलने वालों के पीछे से हुए एक्सीडेंट : 200 मौत थ्री व्हीलर से हुए एक्सीडेंट - 231 मौत (2013 में 10198 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 4989 यानी 48.9 परसेंट ने अपनी जान गंवा दी.) शहर में रोड एक्सीडेंट की वजह- तेज रफ्तार और सड़कों पर लाइट का अरेंजमेंट न होना।
- भारी वाहन की रफ्तार पर किसी की नजर न रखना। - शहर के बीचों-बीच भारी वाहनों की स्पीड लिमिट नहीं होना। - टू व्हीलर में हेलमेट न लगाना और फोर व्हीलर में बिना बेल्ट लगाए चलना। - टू व्हीलर फोर व्हीलर में लगे ग्लास का यूज कम से कम करना।