अपने गांवों को समझें शहरी युवा
-चर्चित गांधीवादी पीवी राजगोपाल ने गया में किया चिंतन-मंथन
क्कन्ञ्जहृन्: आज देश नाजुक स्थिति से गुजर रहा है। बिहार जैसे शांति और ऊर्जावान राज्य में भी माहौल बिगाड़ने का प्रयास हो रहा है। इसलिए शहरी युवाओं को गांवों की ओर रूख करना होगा। गांव और वहां रहने वाले लोगों के बारे में जमीनी सच्चाई से रूबरू होना होगा। यह बातें चर्चित गांधीवादी पीवी राजगोपाल ने कही। वे गया स्थित जीवन संघम संस्थान में चिंतन शिविर के दौरान बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कई मुद्दों पर चिंता जताई। माहौल बिगाड़ने का प्रयासपीवी राजगोपाल ने कहा कि समाज को कई स्तर पर तोड़ने का प्रयास हो रहा है। पहले हिंदू मुस्लिम के नाम पर समाज को बांटा जाता था। अब उससे आगे समाज को आरक्षण और दलित जैसे मामलों में फंसाया जा रहा है। इसलिए युवाओं को गांधी की विचारों को गंभीरता से समझना होगा।
सोशल मीडिया से भटकावउन्होंने कहा कि सोशल मीडिया से अधिकतर शहरी युवा भटकाव की स्थिति में हैं और इसमें ग्रामीण युवा भी पीछे नहीं हैं। इसलिए शहरी युवाओं को अपने गांवों को समझना होगा। गांवों की आवश्यक जरूरतों के बारे में वहां रहकर अध्ययन करना होगा। इसके लिए उन्हें विशेष रूप से ट्रेंड करने की जरूरत है। जिसकी शुरुआत मगध क्षेत्र से की जाएगी। मौके पर बुजुर्ग गांधीवादी कारू, फादर जोइश, जगतभूषण, संजय आनंद, कमलेश कुमार और कांग्रेस नेता विजय आदि ने भी अपनी बातें विस्तार पूर्वक रखीं।