बिटक्वाइन के जरिये कई तरह की ठगी से लेकर हवाला का कारोबार तक हो रहा है। उप्र एसटीएफ इसकी गहनता से छानबीन कर रही है। बिटक्वाइन की खरीद-फरोख्त का झांसा देकर ठगी करने के आरोप में पकड़े गए इलाहाबाद निवासी अजहद उर्फ अशरफ की तरह कई अन्य ठग सक्रिय हैं। एसटीएफ के एएसपी त्रिवेणी सिंह के मुताबिक बिटक्वाइन को आरबीआइ की ओर से कोई मान्यता नहीं है। लेकिन बिटक्वाइन का कारोबार देश में प्रतिबंधित भी नहीं है। यही वजह है कि इस आड़ में कई गिरोह तरह-तरह की आकर्षक स्कीम व कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिये ठगी का जाल बिछाए हुए हैं। इसके जरिये हवाला कारोबार की जड़े फैलाए जाने की जानकारी भी सामने आ रही है। मामले में कई शिकायतें मिली हैं। जिनके आधार पर गहनता से छानबीन कराई जा रही है।


डिजिटल वॉलेट में रहता है बिटक्वाइन बिटक्वाइन एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी है। एक सॉफ्टवेयर डेवलपर ने इसे प्रचलन में लाया था। कंप्यूटर नेटवर्क के जरिये इस मुद्रा से बिना किसी मध्यस्थता के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है। इस डिजिटल करेंसी को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है। डॉलर, यूरो व अन्य मुद्राओं की तरह इसकी भी खरीद-फरोख्त होती है। सात साल पहले का एक लाख कैसे बना 710 करोड़?बेहद जरूरी है बैकअप यदि आप ऐसी किसी मुसीबत से बचना चाहते हैं, तो अपनी अहम फाइलों का डाटा किसी अन्य कंप्यूटर अथवा हार्डडिस्क में सुरक्षित जरूर रखें। बचाव के उपाय : जानें दुनिया के सबसे बड़े साइबर अटैक के हैकर्स बिटक्वाइन में क्यों मांग रहे हैं फिरौती

Posted By: Satyendra Kumar Singh