ह्मड्डठ्ठष्द्धद्ब : सिमडेगा जिले के बंदरचुआं और आसपास के गांवों में एंथ्रेक्स को लेकर लोगों में भय का माहौल बनता दिख रहा है. यही कारण है कि संदिग्ध मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और रविवार को गांव में संदिग्ध 53 मरीजों के रक्त की जांच. पशुपालन विभाग ने भी बड़े पैमाने पर जांच अभियान की शुरुआत की है. विभाग की ओर से प्रभावित गांव के दस किमी की परिधि में पशुओं के टीकाकरण की शुरुआत की गई. रविवार को 200 पशुओं का टीकाकरण हुआ.

..ताकि बीमारी नहीं फैले

पशुपालन विभाग के निदेशक डा. रजनीकांत भी कोलेबिरा पहुंचे और उन्होंने क्षेत्र की स्थिति के बारे में जिला पशुपालन पदाधिकारी अभय प्रसाद सिंह से जानकारी प्राप्त की. अधिकारियों को निर्देश दिया कि पहले बाहर से टीकाकरण करते हुए मुख्य केंद्र की ओर जाना है. जिससे बीमारी बाहर नहीं फैल सके. वहीं स्वास्थ्य विभाग के डा. आनंद खाखा ने समीप के पंचायत भवन में मरीजों की जांच की. यहां बंदरचुंआ के आस-पास के 53 मरीजों के रक्त की जांच भी हुई. डा. आनंद खाखा ने बताया कि मरीजों की स्थिति में सुधार है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से डा. अध्ययन शरण, डा. फिलवंत एक्का, डा. बिरुआ, सुशांत कुमार आदि मौजूद थे वहीं पशुपालन विभाग के डा.मनोज कुमार, डा. अशोक गौड़, डा.उदय कुमार सिंह, डा.जॉनसन भेंगरा, डा.विल्यम लकड़ा, डा. सजीव कुमार सिंह, डा. कमलेश कुमार ¨पगले, डा. सजल कुमार आदि मौजूद थे.

लगातार कैंप करेगी टीम

जिला पशुपालन पदाधिकारी डा. अभय प्रसाद सिंह ने बताया कि रांची और सिमडेगा की टीम अभी कोलेबिरा में कैंप करेगी. बताया कि अभी तक प्रभावित क्षेत्र अथवा आस-पास के क्षेत्र में एक भी संक्रमित जानवर नहीं मिला है. बावूजद विभाग द्वारा इस पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. लोगों से अपील की जा रही है कि सुबह में पशुओं को नहीं खोलें ताकि टीकाकरण किया जा सके.

वहीं प्रशासन ने प्रभावित गांव के 10 किमी की परिधि में मांस मछली की खरीद बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. रविवार को साप्ताहिक हाट में भी मांस मछली की बिक्री नहीं हुई.

Posted By: Prabhat Gopal Jha