बोनस मार्क्स ने बिगाड़ दिया टॉपर्स का गेम
- JEE मेंस में टॉप तीन में शामिल स्टूडेंट्स की गिरी रैंक
- टॉपर्स ने पेपर के सेट पैटर्न पर उठाए सवाल LUCKNOW : इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए हुए ज्वॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) एडवांस के रिजल्ट में राजधानी के टॉपर्स को करारा झटका लगा। आईआईटी मद्रास की ओर से कराए गए इस एग्जाम में गलत सवालों पर 18 बोनस मार्क्स देने के कारण राजधानी के मेधावियों की मेरिट खराब हो गई। कुछ इस तरह गिरी रैंकअप्रैल के लास्ट में सीबीएसई बोर्ड की ओर से कराए गए जेईई मेंस में राजधानी के टॉपर्स ने टॉप सौ रैंक में जगह बनाई थी। पर वही टॉपर्स एडवांस के रिजल्ट में देश भर में तीन सौ रैंक तक पहुंच गए। जेईई मेंस में राजधानी के रोहन गुप्ता ने ऑल इंडिया लेवल पर 43वीं रैंक हासिल की है। इतना ही नहीं रोहन ने एकेटीयू के ओर से हुए स्टेट एंट्रेंस एग्जाम एसईई में फर्स्ट रैंक हासिल की थी। पर जेईई एडवांस का रिजल्ट आया तो रोहन गुप्ता की रैंक ऑल इंडिया लेवल पर 354 रही। वहीं जेईई एडवांस में राजधानी में टॉप करने वाले अमन तिवारी को जेईई मेंस में ऑल इंडिया लेवल पर 217 वीं रैंक मिली थी। उन्हें जेईई एडवांस में 256 वीं रैंक से संतोष करना पड़ा। कुछ ऐसा ही हाल प्रज्ञान पांडेय का भी हुआ।
बोनस मार्क्स का असर रुबीक्स रोस्ट्रम कोचिंग के सीएमडी इं। आदित्य कुमार बताते हैं कि इस बार आईआईटी मद्रास की ओर से जेईई एडवांस कराया गया। यह लगातार दूसरा साल है जब जेईई एडवांस का पेपर गलत हुआ। 18 मार्क्स बोनस में देने का असर स्टूडेंट्स की रैंक पर पड़ा। अगर यह बोनस मार्क्स न दिए जाते तो राजधानी के कई स्टूडेंट्स के टॉप सौ में आने की संभावना थी। वहीं फिटजी लखनऊ के डायरेक्टर एनके दुबे ने बताया कि इन 18 बोनस नंबर ने करीब तीन हजार रैंक तक प्रभावित किया। जो स्टूडेंट्स जेईई मेंस में टॉप सौ में थे, वह एडवांस में दो सौ रैंक से भी ऊपर चले गए। टॉपर्स कोट मैने आईआईटी मद्रास को आंसर की जारी होने के बाद ईमेल से गलत सवालों की जानकारी दी। इन सवालों में मेरा काफी समय वेस्ट हुआ। जिसका असर दूसरे सवालों पर भी पड़ा। इससे मेरी रैंक प्रभावित हुई। जेईई मेंस में मेरी रैंक 43 थी।- रोहन गुप्ता, जेईई एडवांस में 354वीं रैंक
मैने इस सवालों को समझ में न आने से छोड़ दिया, जिससे मुझे ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। मेरी जेईई मेंस और एडंवास की रैंक में ज्यादा फर्क नहीं रहा। जेईई एडवांस में मेरी रैंक 217 थी। - अमन तिवारी, जेईई एडवांस में 256वीं रैंक मैंने इन सवालों को हल करने की पूरी कोशिश की जिसका असर बाकी सवालों पर भी पड़ा। उन सवालों को सॉल्व करने में भी परेशानी हुई जो आसानी से हल किए जा सकते थे। जेईई मेंस में मेरी रैंक 227 थी। - प्रज्ञान पांडेय, जेईई एडवांस में 629वीं रैंक एक्सपर्ट कोट लगातार दूसरे साल जेईई एडवांस जैसे पेपर में सवाल गलत पूछे गए। अगर इतने नंबर के सवाल गलत होंगे तो कम सवाल करने वाला स्टूडेंट्स भी बोनस मार्क्स पाकर टॉपर्स के करीब पहुंच जाएगा। इं। आदित्य कुमार, रुबीक्स रोस्ट्रम पिछली बार 300 प्लस नंबर पर राजधानी के स्टूडेंट्स को पांच सौ के अंदर रैंक मिली थी। उसी नंबर पर इस बार रैंक एक हजार से ऊपर चली गई है। यह बोनस मार्क्स के कारण ही हुआ है। एनके दुबे, डायरेक्टर फिटजी