बसपा सुप्रीमो मायावती ने सारे कयासों को दरकिनार कर पार्टी के पूर्व विधायक भीमराव अंबेडकर को राज्यसभा चुनाव में पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है। मंगलवार को पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने यह फैसला लिया। साथ ही परिवारवाद को लेकर लग रहे आरोपों का करारा जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि बसपा में परिवारवाद का कोई स्थान नहीं है। मालूम हो कि भीमराव अंबेडकर इटावा की लखना सीट से विधायक रह चुके हैं।


बीजेपी एंड कंपनी फैला रही अफवाहबैठक के बाद जारी अपने बयान में मायावती ने कहा कि उन्होंने यह फैसला लेकर बीजेपी एंड कंपनी द्वारा फैलाई जा रही उन अफवाहों पर विराम लगा दिया कि वह पार्टी के उपाध्यक्ष व उनके छोटे भाई आनंद कुमार को राज्यसभा भेजना चाहती हैं। उन्होंने साफ किया कि आनंद कुमार पार्टी के राजनैतिक नहीं, एग्जीक्यूटिव काम ही देखते हैं। बार-बार सार्वजनिक रूप से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि आनंद कुमार पहले की तरह ही निस्वार्थ भाव से काम करते रहेंगे। वह राजनीति के चक्कर में नहीं पड़ेंगे और कभी सांसद, विधायक या मंत्री नहीं बनेंगे। बसपा नेतृत्व अपने उसूलों पर कायम
इसी तरह बीएसपी से जुड़े लोगों के परिवार के लोग पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए योगदान दे सकते हैं लेकिन उन्हें पार्टी के सिद्धांतों के विपरीत जाकर सांसद, विधायक या मंत्री नहीं बनाया जाएगा। दावा किया परिवारवाद के खिलाफ बसपा नेतृत्व आज भी अपने उसूलों पर कायम है। उन्होंने आगाह किया कि इससे बीएसपी मूवमेंट व उसके नेतृत्व को बदनाम करने की साजिश का पर्दाफाश भी हो गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की गलत और कुंठानिहित राजनीति को फेल करने के लिए ही बसपा व सपा द्वारा जो रणनीति वर्तमान समय के लिए अपनाई गयी है उससे बीजेपी जरूर धराशायी होगी।

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Posted By: Shweta Mishra