GORAKHPUR: डीडीयूजीयू कैंपस में गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ के नियम, परिनियम, नियुक्तियों व शोध संबंधी अध्यादेशों को कुलाधिपति से पहले ही जहां मंजूरी मिल चुकी है। वहीं कॉमर्स फैकेल्टी के जर्जर भवन को ध्वस्त कर आगे के निर्माण कार्य के लिए कार्यदायी संस्था को जिम्मा सौंप दिया गया है। बता दें, राजभवन से कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकारी हेमंत राव का पत्र डीडीयूजीयू प्रशासन को ऑलरेडी आ चुका है। विशेष कार्याधिकारी प्रो। रविशंकर सिंह ने बताया कि अब सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं। बाकी की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू कर दी जाएगी।

सीएम ने रखी थी आधारशिला

महारानी लक्ष्मी बाई ग‌र्ल्स हॉस्टल के ठीक सामने गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ भवन बनाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने 30 नवंबर को डीडीयूजीयू में गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ की आधारशिला रखी थी। उनके साथ यूजीसी के निदेशक प्रो। डीपी सिंह कार्यक्रम में मौजूद थे। डीडीयूजीयू के पुराने कॉमर्स फैकेल्टी कैंपस में पुराने जर्जर हो चुके भवन को ध्वस्त कर गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ का नया भवन बनाने की कवायद पीडब्ल्यूडी की तरफ से किया गया। पुराने भवन को पीडब्ल्यूडी ने ही जर्जर घोषित किया। उसके बाद राज्य सरकार ने इस चार मंजिला भवन के निर्माण के लिए 13.83 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया है। निर्माण के लिए राजकीय निर्माण निगम को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।

चार मंजिला होगा कवर्ड एरिया

यूनिवर्सिटी से मिली जानकारी के अनुसार शोध पीठ का कार्यालय एक हजार वर्ग मीटर के कवर्ड एरिया में चार मंजिला होगा। तीन खंडों में विभाजित होगा। पहला निदेशक कार्यालय, दूसरा शोध भवन और तीसरा सामान्य प्रशासन का कार्यालय होगा। इसमें लाइब्रेरी, साउंड एंड लाइट रूम के अलावा सबसे ऊपरी मंजिल पर गेस्ट हाउस भी होगा ताकि बाहर से आया कोई व्यक्ति यहां रुके, शोध करे और काम पूरा कर यहीं से लौट जाए।

28 पदों पर होंगी नियुक्तियां

गोरक्षनाथ शोध पीठ के विशेष कार्याधिकारी प्रो। रविशंकर सिंह ने बताया कि यह शोध पीठ यूनिवर्सिटी की एक स्वतंत्र यूनिट होगी, किसी विभाग के अधीन नहीं होगी। संचालन के लिए एक स्थाई निदेशक होंगे। इनका दर्जा यूनिवर्सिटी के किसी विभागाध्यक्ष के बराबर होगा। इनके अंडर में दो उप निदेशक व चार सहायक निदेशक नियुक्त होंगे। लाइब्रेरियन, पीआरओ, कंप्यूटर प्रोग्रामर, सहायक, कार्यालय अधीक्षक, सहायक के अलावा चतुर्थ श्रेणी के पद होंगे। इन पदों पर नियुक्तियां यूनिवर्सिटी में अन्य पदों पर नियुक्तियों की शर्तो व पात्रता के ही मुताबिक होंगे।

फॉलो होगी यूजीसी गाइडलाइन

आठ रिसर्च एसोसिएट, जेआरएफ व एसआरएफ के अस्थाई पद होंगे। इसमें किसी भी यूनिवर्सिटी के शोधार्थी पात्र हो सकते हैं। निदेशक यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार ही चुना जाएगा और इसकी पात्रता यूनिवर्सिटी के किसी विभागाध्यक्ष से कम नहीं होगी। इसी तरह उप निदेशक व सहायक निदेशकों के लिए भी कड़ी अर्हताएं रखी गई हैं। रिसर्च एसोसिएट, जेआरएफ व एसआरएफ अपनी योग्यता साबित करते हुए पीठ में आगे भी बढ़ सकेंगे।

Posted By: Inextlive