Gorakhpur : प्राइवेट बस में गोरखपुर से कसया जा रही मोनिका काल्पनिक नाम को कुछ मनचलों ने भद्दे कमेंट पास किए. वह सफर में अनकंर्फटेबल फील कर रही थीं लेकिन बस में किसी हेल्पलाइन का नंबर नहीं था जिस पर वह कंप्लेंट कर सके. जबकि नियमानुसार प्राइवेट वाहन स्वामियों को अपना कांटैक्ट नंबर ड्राइवर का नाम व मोबाइल नंबर चस्पा करना होता है लेकिन गोरखपुर स्टेशन से चलने वाली ज्यादातर प्राइवेट बसों में न तो कांटैक्ट नंबर पब्लिश है और ना ही मालिकों के नाम व पते. आई नेक्स्ट ने जब इस आदेश का रियल्टी चेक किया तो काफी चौंकाने वाली सूरत सामने आई.


सीन फस्र्ट गोरखपुर बस अड्डा गोरखपुर से तमकुही रोड जा रही बस संख्या यूपी 53 बीटी 3747 को जब आई नेक्स्ट ने चेक किया तो बस के भीतर न तो बस मालिक का नाम-पता छपा था और ना ही उसका मोबाइल नंबर। जब इस संदर्भ में बस ड्राइवर अमीन से बात की गई तो उसने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि 'बस मालिक का नाम मुझे नहीं मालूम है.Ó सीन सेकेंड गोरखपुर स्टेशन रोड गोरखपुर से गोपालगंज जा रही बस संख्या यूपी 57 टी 3004 के ड्राइवर दुर्गेश से जब आई नेक्स्ट ने बस मालिक की जानकारी मांगी तो उसने उल्टा हमसे ही पूछ लिया कि 'क्या बस मालिक का नाम व पता का लिखना जरूरी है? हमारी बस में ऐसी कोई घटना ही नहीं होती है।सीथ थर्ड रेलवे स्टेशन रोड


गोरखपुर से देवरिया रूट पर जा रही बस संख्या यूपी 52- 5616 में जब आई नेक्स्ट टीम पहुंची तो बस के भीतर कहीं भी बस मालिक नाम व नंबर मेंशन नहीं था। जब ड्राइवर राम किशुन से इस संदर्भ में बात की गई तो उसने बताया कि जब आदेश ही नहीं आया है तो कहां से नाम, पता व मोबाइल नंबर लिखेंगे।दिल्ली की घटना के बाद खुली थीं आंखें

दिल्ली गैंगरेप कांड के बाद से जिला प्रशासन की तरफ से निर्देश जारी कर यह कहा गया था कि आरटीओ डिपार्टमेंट सभी प्राइवेट और अनुबंधित बसों में महिला यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखे। किसी भी महिला यात्री को अगर किसी प्रकार की कोई असुविधा होती है तो वह इसके लिए संबंधित बस मालिक या फिर आरटीओ को सीधे कंप्लेंट कर सकती है। इसके अलावा शासन द्वारा जारी किए गए महिला कंप्लेंट नंबर 1090 पर भी सीधे कंप्लेंट की जा सकती है। इसके लिए गोरखपुर रीजन के सभी प्राइवेट और अनुबंधित बसों में बस मालिक का कांटैक्ट नंबर, पता, गाड़ी का नंबर मेंशन होना चाहिए, ताकि कोई भी यात्री सीधे कंप्लेंट कर सके। अगर कोई बस मालिक नाम, पता, मोबाइल नंबर बस के अंदर पब्लिश नहीं करता है तो उसके खिलाफ आरटीओ की तरफ से कार्रवाई की जाएगी। आरटीओ की तरफ से नहीं की जाती है कार्रवाई

गोरखपुर स्टेशन से चलने वाली ज्यादातर प्राइवेट बसों और अनुबंधित बसों में बस मालिक का नाम, पता व मोबाइल नंबर लिखा है या नहीं, रोडवेज ने इसकी जानकारी जुटाने की जहमत नहीं उठाई है। हालांकि आरटीओ निर्मल प्रसाद की तरफ से यह बराबर दावा किया जाता है कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जो भी नियम होंगे, उन नियमों का फॉलो करवाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।सिक्योरिटी के प्वाइंट ऑफ व्यू से सभी प्राइवेट बसों में वाहन स्वामी का नाम, पता, गाड़ी का नंबर व मोबाइल नंबर मेंशन होना जरूरी है। आरटीओ की तरफ से सभी गाडिय़ों की चेकिंग भी की जा रही है।मो। अंसारी, एआरटीओ, गोरखपुर आरटीओ ऑफिस

Posted By: Inextlive