-गांधी उद्यान में लगा है शहर का सबसे पुराना कदंब का पेड़

साइंटिफिक नेम- एंथोसेफेलस कदंबा

लोकल नेम- कदंब

50 साल पुराना पेड़ गांधी उद्यान में लगा है

पीलीभीत बाईपास रोड पर भी लगाए गए हैं कदंब के पेड़

: अर्थ डे से शुरू हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के कैंपेन डॉक्यूमें ट्री में आज हम आपको कदंब के पेड़ के बारे में बता रहे हैं. रूबियेसी परिवार से संबंधित कदंब के पेड़ पीलीभीत बाईपास रोड के साथ ही कुछ और जगह भी लगे हैं, लेकिन गांधी उद्यान में लगा कदंब का एक पेड़ ऐसा है जो करीब 50 साल से ज्यादा पुराना है. बरसात के मौसम में फूलों से लदे कदंब के पेड़ की सुंदरता देखते ही बनती है.

श्रृंगार में यूज करती हैं लड़कियां

कदंब के फूल की सुंदरता और सुगंध के कारण इसका इस्तेमाल श्रृंगार के लिए भी किया जाता है. खास मौकों पर लड़कियां और महिलाएं कदंब के फूल को अपने बालों में लगाती हैं. कदंब के फूलों का यूज इत्र बनाने में भी किया जाता है.

डायबिटीज कंट्रोल करने में मददगार

सुंदरता के साथ ही कदंब का औषधीय महत्व भी है. कदंब की पत्तियों, छाल और फल को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलती है.

लकड़ी भी उपयोगी

कदंब के पेड़ की लकड़ी का उपयोग प्लाईवुड, बॉक्स, क्रेट्स आदि बनाने के साथ ही पेपर बनाने में भी किया जाता है.

Posted By: Radhika Lala