कॉल ड्रॉप को लेकर टेलीकॉम कंपनियों और सरकार के बीच मामला काफी समय से चल रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कॉल ड्राप मामले को लेकर 21 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में टेलीकॉम कंपनियों को थोड़ी राहत मिल सकती है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ट्राई इस दिशा में थोड़ी छूट देने की तैयारी में है।


विरोध में उतरीकॉल ड्राप को लेकर टेलीकॉम और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई ) के बीच काफी समय से विवाद की स्िथति उत्पन्न है। ट्राई ने कॉल ड्रॉप होने की समस्या को गंभीरता से लिया है। जिसके चलते उसने कंपनियों को कॉलड्राप होने पर ग्राहकों को जुर्माना दिए जाने का ऐलान कुछ दिन पहले किया था। ऐसे में टेलीकॉम कंपनियां इस मामले को लेकर विरोध में उतर आई थी। टेलीकॉम कंपनियों का कहना था कि ट्राई उन पर अपनी मनमानी थोप रहा है। जिससे ट्राई के फैसले को लेकर टेलीकॉम ऑपरेटर्स की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई। ऐसे में आने वाली 21 अप्रैल को कॉल ड्रॉप मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। राहत मिल सकती
वहीं सूत्रों की माने तो हो सकता है कि इस 21 अप्रैल वाली सुनवाई में टेलीकॉम कंपनियों को थोड़ी राहत मिल जाए। उन्हें ट्राई मुआवजा देने में थोड़ी ढील दे दे। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई ) शुरू की 3 कॉल ड्रॉप वाली शर्त हटा सकता है। वहीं यह भी कर सकती है कि कंपनियां हर कॉल ड्राप पर मुआवजा नहीं देंगी। जो कॉल कंपनियों की वजह से ड्राप होती हैं वे बस उसका मुआवजा भरेंगी। अगर हैंडसेट आदि की वजह से कॉल ड्राप होती है तो उसकी जिम्मेदारी टेलीकॉम कंपनियां नहीं होंगी। इतना ही नहीं वे इसका मुआवजा भी नहीं देंगी।

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Posted By: Shweta Mishra