उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सरकार ने शुक्रवार को मंत्रिमंडल में बदलाव किया गया और चर्चित नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की एक बार फिर मंत्रिमंडल में वापसी हुई. डीएसपी ज़िया उल हक़ हत्याकांड में सीबीआई से क्लीन चिट मिलने के बाद से ही राजा भैया के मंत्री बनने के क़यास लगाए जा रहे थे.


इससे पहले राजा भैया अखिलेश सरकार में खाद्य मंत्री थे लेकिन अपने ऊपर लगे आरोपों के चलते उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा था.बीबीसी से हुई खास बातचीत में रा जा भैया ने कहा, "मैं तो शुरू से कहता आ रहा हूँ कि मैं बेगुनाह हूँ. हमें क्या लगता है यह महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण यह है कि देश की सर्वोच्च एजेंसी को क्या लगता है. सीबीआई ने अपनी जाँच के बाद हमारी बात की पुष्टि की है."राजा भैया कहते हैं, "आप जानते हैं कि सर्वोच्च अदालत का आदेश है कि कोई अभियुक्त सहमति न दे तब तक उसका नार्को और पॉलीग्राफी टेस्ट नहीं लिया जा सकता. लेकिन हमने इन टेस्ट की सहमति दी और ये सारे टेस्ट अपने ऊपर करवाए."


स्थानीय मीडिया में कयास लगाए जा रहे थे कि राजा भैया की भाजपा से बातचीत चल रही थी शायद यही वजह है कि सपा ने आगामी चुनावों को देखते हुए उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने का निर्णय लिया.

यही सवाल जब हमने  राजा भैया से पूछा तो उनका कहना था, "यहाँ की मीडिया के कुछ लोगों ने मुझे इस क़त्ल का दोषी तक ठहरा दिया था. मीडिया क्या कह रही है इससे हमें कोई मतलब नहीं है. हम शुरू से नेता जी के साथ हैं, नेता जी के साथ थे और रहेंगे."करेंगे चुनाव प्रचारराजा भैया निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ते हैं. उन्होंने आधिकारिक तौर पर सपा की सदस्यता नहीं ली है. लेकिन उनका कहना था कि आगामी लोकसभा चुनाव में वो समाजवादी पार्टी की ओर से प्रचार करेंगे, "मैंने पहले भी समाजवादी पार्टी के लिए प्रचार किया है और आगे भी करेंगे."कुंडा में मृत पुलिस अधिकारी जियाउल हक़ की पत्नी का कहना है कि सीबीआई ने जो क्लीन चिट दी है उसे अदालत ने स्वीकार नहीं किया है. लेकिन राजा भैया कहते हैं, "जाँच एजेंसी ने कह दिया है कि मेरे ख़िलाफ़ कोई तथ्य नहीं है. मेरा तो एफआईआर में नाम ही नहीं. यह कुछ नेताओं की साजिश के तहत मेरा नाम लिया गया है."

Posted By: Subhesh Sharma