- बुधवार को हाईकोर्ट में दाखिल करनी है प्रोग्रेस रिपोर्ट

LUCKNOW :

उन्नाव कांड की जांच में अब तक हुई प्रगति की रिपोर्ट बुधवार को सीबीआई हाईकोर्ट में दाखिल करेगी। रिपोर्ट में जांच शुरू होने से लेकर अब तक सीबीआई ने क्या-क्या किया, कितनी अरेस्टिंग की और जांच में कौन-कौन से साक्ष्य मिले, इसका विस्तार से जिक्र होगा। इसके अलावा पीडि़ता व परिजनों के साथ ही आरोपी विधायक और उनके भाई अतुल सिंह के भी बयान कोर्ट के समक्ष पेश किये जाएंगे।

सीडीआर साक्ष्य में शामिल

उन्नाव कांड की जांच में जुटी सीबीआई ने अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट में साक्ष्य के तौर आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और तत्कालीन एसपी पुष्पांजलि देवी, सीओ कुंवर बहादुर सिंह व इंस्पेक्टर अशोक भदौरिया से हुई मोबाइल फोन पर हुई बातचीत के प्रमाण के रूप में मोबाइल सीडीआर को शामिल किया है। यह बातचीत पीडि़ता के पिता के साथ मारपीट के बाद की है। इस सीडीआर के जरिए सीबीआई यह साबित करना चाहती है कि मारपीट के बाद विधायक सेंगर ने भाई की पैरवी के लिये इन सभी अधिकारियों पर दबाव बनाया। इतना ही नहीं विधायक के कहने पर ही मारपीट में घायल पीडि़ता के पिता को आ‌र्म्स एक्ट में जेल भेज दिया गया। जबकि, वह बुरी तरह घायल था।

पुलिस कस्टडी में लिये बयान भी अहम

सीबीआई पीडि़ता व परिजनों के बयानों के साथ ही आरोपियों विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उनके भाई अतुल सिंह व अन्य आरोपियों से पुलिस कस्टडी के दौरान हुई पूछताछ का भी ब्योरा रिपोर्ट में शामिल किया है। बताया जाता है कि इस पूछताछ में सीबीआई को कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिनके आधार पर सीबीआई कोर्ट को जांच की दिशा के बारे में भी जानकारी देगी। इसके अलावा रिपोर्ट में सीबीआई द्वारा विधायक की मदद करने के आरोप में सस्पेंड किये गए पुलिसकर्मियों से हुई पूछताछ व हॉस्पिटल के डॉक्टर्स से की गई पूछताछ का भी ब्योरा शामिल किया गया है। सभी घटनास्थल के नक्शे भी सीबीआई अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट में शामिल करेगी, जिनके जरिए सीबीआई अब तक की जांच में घटनाक्रम के बारे में स्थिति साफ करेगी।

पीडि़ता के चाचा ने सीबीआई को दी असल तहरीर

उधर, पीडि़ता के चाचा ने रेप, गैंगरेप व मारपीट कर उसके पिता की हत्या के मामले में परिजनों द्वारा पुलिस को दी गई असल तहरीर की कॉपी सीबीआई को दी है। पीडि़ता के चाचा ने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि जब इन घटनाओं के बाद परिजनों ने पुलिस को तहरीर दी तो पुलिस ने उन्हें लेने से इंकार कर दिया और दबाव डालकर दूसरी तहरीर लिखाई गई। उन्होंने बताया कि मारपीट की घटना के बाद दर्ज की गई एफआईआर की तहरीर को पुलिसकर्मियों ने बोलकर लिखवाया था। सीबीआई ने इन असल तहरीरों को जांच में शामिल कर लिया है।

Posted By: Inextlive