टिकट कैंसिल करने पर अनाप-शनाप नहीं चार्ज कर सकेंगी विमान कंपनियां, उड़ान लेट होने पर करनी होगी विशेष खातिर
सेवा में कमी तो देना होगा मुआवजापैसेंजर बिल ऑफ राइट्स यात्रियों को एयरलाइन की ओर से सेवा में कमी का मुआवजा हासिल करने का मौका भी देगा। उदाहरण के लिए यदि उड़ान में निर्धारित से ज्यादा विलंब होता है या फ्लाइट कैंसिल होती है तो नियमानुसार हर्जाना देने को एयरलाइन बाध्य होगी। इसी प्रकार ये बिल ये सुनिश्चित करेगा कि एयरलाइनें कैंसिलेशन या अतिरिक्त सामान जैसे मदों में यात्रियों से जरूरत से ज्यादा शुल्क न वसूलने पाएं।
मौजूदा कानून के तहत एयरलाइनों को यात्रियों के साथ उचित बर्ताव करने के लिए बाध्य करने की जिम्मेदारी डीजीसीए की है। लेकिन स्पष्ट संहिता के अभाव में डीजीसीए एयरलाइनों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाता है। कुछ समय पहले तक यात्रियों के बर्ताव को लेकर भी लगभग यही स्थिति थी। लेकिन 'नो फ्लाई लिस्ट' जारी होने के बाद उसमें स्पष्टता आई है। जानकारों के अनुसार, राइट टू पैसेंजर बिल आने के बाद एयरलाइनों को भी स्पष्ट रूप से पता हो जाएगा कि उन्हें यात्रियों को क्या-क्या सुविधाएं देना आवश्यक है और कैसा व्यवहार करना है।