'नो फ्लाई लिस्ट' के जरिये विमान यात्रियों को सभ्य व्यवहार का पाठ पढ़ाने वाली एयरलाइनों को भी अब अपने तौर तरीके सुधारने होंगे। इसके लिए सरकार 'पैसेंजर बिल ऑफ राइट्स' ला रही है। यह ऐसी आचार संहिता है जिसका पालन सभी एयरलाइनों को करना होगा। इसके लागू होने पर एयरलाइनों के लिए यात्रियों से मनमाना शुल्क वसूलना मुश्किल हो जाएगा। 'पैसेंजर बिल ऑफ राइट्स' कोई विधेयक नहीं है। बल्कि एक ऐसी आचार संहिता है जिसमें दुनिया भर के देशों द्वारा विमानन क्षेत्र में अपनाए जा रहे श्रेष्ठतम व्यवहारों को शामिल किया जाएगा।


सेवा में कमी तो देना होगा मुआवजापैसेंजर बिल ऑफ राइट्स यात्रियों को एयरलाइन की ओर से सेवा में कमी का मुआवजा हासिल करने का मौका भी देगा। उदाहरण के लिए यदि उड़ान में निर्धारित से ज्यादा विलंब होता है या फ्लाइट कैंसिल होती है तो नियमानुसार हर्जाना देने को एयरलाइन बाध्य होगी। इसी प्रकार ये बिल ये सुनिश्चित करेगा कि एयरलाइनें कैंसिलेशन या अतिरिक्त सामान जैसे मदों में यात्रियों से जरूरत से ज्यादा शुल्क न वसूलने पाएं।मार्क जुकरबर्ग की बहन के साथ फ्लाइट में छेड़छाड़ करने वाले को मिली ऐसी सजासुविधा देने के साथ यात्रियों से करना होगा सौम्य व्यवहार
मौजूदा कानून के तहत एयरलाइनों को यात्रियों के साथ उचित बर्ताव करने के लिए बाध्य करने की जिम्मेदारी डीजीसीए की है। लेकिन स्पष्ट संहिता के अभाव में डीजीसीए एयरलाइनों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाता है। कुछ समय पहले तक यात्रियों के बर्ताव को लेकर भी लगभग यही स्थिति थी। लेकिन 'नो फ्लाई लिस्ट' जारी होने के बाद उसमें स्पष्टता आई है। जानकारों के अनुसार, राइट टू पैसेंजर बिल आने के बाद एयरलाइनों को भी स्पष्ट रूप से पता हो जाएगा कि उन्हें यात्रियों को क्या-क्या सुविधाएं देना आवश्यक है और कैसा व्यवहार करना है।


एयर एशिया की फ्लाइट में महिला से मिसबिहेवजब यात्रियों से भिड़े फ्लाइट कर्मचारी

Posted By: Satyendra Kumar Singh