खबर है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो नए साल में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI का मौजूदा वजूद खत्म हो जाएगा। दूसरे शब्दों में अगर कहें तो भारतीय क्रिकेट को कुछ नहीं होगा BCCI भी रहेगा लेकिन उसका पूरी तरह से शुद्धिकरण कर दिया जाएगा।

ऐसी है जानकारी
दरअसल, बीसीसीआई और इसकी कार्यप्रणाली का पोस्टमार्टम करने के लिए बनाई गई जस्टिस लोढ़ा कमेटी आगामी 4 जनवरी को अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करेगी। अब एक खबर ऐसी भी मिली है कि जस्टिस लोढ़ा ने अपनी रिपोर्ट में कई बड़े बदलावों की सिफारिश की है। ये सिफारिशें अगर लागू कर दी जाती हैं, तो बीसीसीआई के ढांचे, उसके प्रबंधन और काम करने के तौर-तरीके पूरी तरह से बदल जाएंगे और नेताओं की छुट्टी हो जाएगी।
सबसे बड़ा बदलाव होगा ये
रिपोर्ट में बीसीसीआई के कामकाज के हर पहलू को बेहद बारिकी से देखा गया है। इससे न सिर्फ क्रिकेट सर्कल, बल्कि बोर्ड में ऊंचे पदों पर जमे मठाधीशों में भी हलचल पैदा होगी। इनके बीच सबसे बड़ा बदलाव तो यह आएगा कि बोर्ड का प्रबंधन पूर्व क्रिकेटरों के हाथों में चला जाएगा। इसका मतलब ये है कि राजनेताओं और पैसों के दम पर बीसीसीआई में एंट्री पाने वालों की छुट्टी हो जाएगी।
रेवेन्यु शेयरिंग मॉडल में बदलाव की भी सिफारिश्ा
इसके अलावा रिपोर्ट में बोर्ड के रेवेन्यु-शेयरिंग मॉडल में बदलाव की भी सिफारिश की गई है। यानी पैसों का लेन-देन पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाएगा। गौरतलब है कि बीसीसीआई दुनिया का सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड है। मौजूदा व्यवस्था में बोर्ड पैसे वाले राज्य क्रिकेट बोर्डों पर ज्यादा ध्यान देता है।
एक अन्य अहम बात होगी ये
एक अन्य अहम बात यह भी है कि फिलहाल बीसीसीआई तमिलनाडु सोसायटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1975 के तहत रजिस्टर्ड है। इस  व्यवस्था को भी बदला जा सकता है। सिफारिश में इस बात को भी साफ किया गया है कि बोर्ड को सोसायटी के बजाए पब्लिक ट्रस्ट या कंपनी बना दिया जाए, ताकि कामकाज में पारदर्शिता रहे।

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Posted By: Ruchi D Sharma