Chhath Puja 2021 : दिवाली के बाद चार दिनों तक चलने वाला छठ पूजा पर्व सोमवार से शुरू हुआ है। इसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है। ऐसे में आइए यहां जानें छठ पूजा के बारे में सबकुछ...


कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Chhath Puja 2021: छठ पूजा हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है। छठ पूजा भगवान सूर्य को समर्पित है। छठ पूजा के चार दिनों के दौरान भगवान सूर्य की पूजा की जाती है और यह चार दिन तक चलती है। छठ पूजा का व्रत मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा पुत्रों की भलाई और परिवार की खुशी के लिए मनाया जाता है। छठ पूजा मुख्य रूप से भारतीय राज्य झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और उससे सटे नेपाल में मनाई जाती है। दृक पंचांग के मुताबिक छठ पूजा को प्रतिहार, डाला छठ, छठवीं और सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।

इस तरह चार दिन तक चलता है यह पर्व
छठ के पहले दिन को नहाय खाय के नाम से जाना जाता है। इस दिनविशेष रूप से गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाई जाती है। छठ व्रत करने वाली महिलाएं इस दिन केवल एक ही भोजन करती हैं। छठ के दूसरे दिन को खरना के नाम से जाना जाता है। इस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक बिना जल के उपवास रखा जाता है। सूर्यास्त के बाद सूर्य देव को भोजन कराकर व्रत खोला जाता है। तीसरे दिन का उपवास दूसरे दिन प्रसाद ग्रहण करने के बाद शुरू होता है। छठ पूजा के तीसरे मुख्य दिन बिना पानी के पूरे दिन का उपवास रखा जाता है। डूबते सूर्य को अर्घ्य देना इस दिन का मुख्य अनुष्ठान है। यह वर्ष का एकमात्र समय होता है जब अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। तीसरे दिन का उपवास रात भर जारी रहता है। पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। छठ के चौथे और अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसे उषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। 36 घंटे का उपवास सूर्य को अर्घ्य देने के बाद तोड़ा जाता है।

Posted By: Shweta Mishra