राजेंद्र सदाशिव निकालजी उर्फ छोटा राजन को इंडोनेशिया के अधिकारियों ने बाली के रिसॉर्ट आइलैंड में गिरफ्तार कर लिया है। इसको लेकर माना जा रहा है कि जल्‍द ही उसका प्रत्‍यर्पण भारत में कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि ऑस्‍ट्रेलियाई पुलिस से मिली जानकारी पर काम करते हुए इंडोनेशिया के अधिकारियों ने छोटा राजन को रविवार को हिरासत में ले लिया था।

ऐसी है जानकारी
इंडोनेशियाई पुलिस के प्रवक्ता हेरी वियान्तो ने बताया कि छोटा राजन रविवार को सिडनी से बाली पहुंचा था। 55 वर्षीय छोटा राजन पिछले दो दशकों से पुलिस की गिरफ्त से भाग रहा था। इंटरपोल ने उसे 1995 में वॉन्टेड घोषित किया था। हेरी ने बताया कि केनबरा पुलिस की ओर से उन्हें रविवार को जानकारी मिली थी कि इंटरपोल की ओर से जारी किए गए रेड नोटिस वाला एक हत्यारा वहां पहुंच रहा है। उन्होंने जानकारी मिलते ही उस व्यक्ित को एयरपोर्ट पर पहुंचते ही गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि जहां तक उन्हें  जानकारी है, यह व्यक्ित भारत में 15 से 20 हत्याओं का संदिग्ध बताया गया है।
ऐसा बताया प्रवक्ता ने
इस पूरे मामले को लेकर प्रवक्ता हेरी ने बताया कि वे लगातार इंटरपोल और भारतीय अधिकारियों के संपर्क में हैं और जल्द ही उसका प्रत्यर्पण भारत को कर दिया जाएगा। ऑस्ट्रेलियन फेडरल पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि केनबरा में इंटरपोल ने इंडोनेशियाई अधिकारियों को सतर्क कर दिया था, जिन्होंने भारतीय अधिकारियों के आग्रह पर छोटा राजन को गिरफ्तार कर लिया। फेडरल पुलिस ने बीते महीने पुष्िट की थी कि छोटा राजन ऑस्ट्रेलिया में किसी दूसरी पहचान के साथ रह रहा है। इसके अलावा फेडरल पुलिस के प्रवक्ता ने ये भी बताया कि भारतीय अधिकारियों के साथ इस मामले में चर्चा चल रही है, लेकिन उन्होंने इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं दी।
ऐसी है छोटा राजन की कहानी
इंटरपोल की वेबसाइट से मिली जानकारी पर गौर करें तो छोटा राजन का जन्म मुंबई में हुई था। हत्या, अवैध हथियारों को रखने व इस्तेमाल करने, अवैध वूसली, अपहरण जैसे कई मामले उसके खिलाफ दर्ज हैं। उसने छोटी-मोटी चोरियों के साथ राजन नायर की छत्रछाया में जरायम की दुनिया में कदम रखा था। राजन नायर को बड़ा राजन के नाम से भी जाना जाता था। नायर की मौत के बाद छोटा राजन ने गैंग की कमान संभाल ली। साल 1988 में दुबई भागने से पहले छोटा राजन अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ काम करता था। मुंबई में वर्ष 1993 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में बेगुनाह 257 लोगों की मौत और सैकड़ों लोगों के घायल होने के बाद छोटा राजन ने दाऊद इब्राहिम का साथ छोड़ दिया था।

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Posted By: Ruchi D Sharma