चीन ने तिब्बत के निर्वासित नेता दलाई लामा से दोबारा बातचीत शुरू करने का संकेत दिया है. हालांकि चीन ने इसके साथ ही इस बात की ओर भी इशारा कर दिया है कि वह प्रासंगिक मसलों पर बातचीत करेगा लेकिन तिब्‍बत मसले पर नहीं. बताते चले कि दलाई लामा और चीन के बीच 2010 से बातचीत पूरी तरह से बंद है. बहरहाल चीनी विदेश मंत्रालय ने इस मसले पर कुछ नहीं कहा.

वेइकुन ने इस बात की पुष्टि की
चीन तिब्बत की आजादी या अधिक स्वायत्तता को छोड़कर सभी प्रासंगिक मसलों पर बातचीत करने को तैयार है. चीन की जातीय व धार्मिक मामलों की कमेटी के प्रमुख झोऊ वेइकुन ने इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि दलाई लामा अपना पृथकतावादी रवैया व अपनी भ्रामक मध्यमार्गी सोच को छोड़ सकते हैं. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि दलाई लामा आत्मदाह जैसे प्रदर्शनों को उकसावा देकर तिब्बत में अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं. आत्मदाह से अभी तक 120 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बावजूद चीन दलाई लामा से स्वतंत्रता व इससे जुड़े अन्य मसलों को छोड़कर अन्य मुद्दों पर बात करने को तैयार है.

 

विदेश मंत्रालय अभी चुप
इस दौरान वेइकुन ने कहा कि चीन को लगता है कि भविष्य में दलाई लामा को पता चलेगा कि वे गलत काम कर रहे थे. वे अपनी गलती सुधारकर तिब्बत में गड़बड़ी रोकते हुए हमसे बातचीत के लिए संपर्क कर सकते हैं. हम उनसे तिब्बत की आजादी पर बात नहीं करेंगे, मगर अन्य मुद्दों पर बात हो सकती है. यह शायद पहला अवसर है, जब चीन के किसी वरिष्ठ अधिकारी ने दलाई लामा से चर्चा की बात कही. दलाई लामा ने भी पिछले साल चीन को संकेत देते हुए कहा था कि वे तिब्बत के तीर्थस्थल की यात्रा करना चाहते हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा क कि दलाई लामा चीन को तोड़ने व अपनी पृथकतावादी गतिविधियों को रोकने की ईमानदारी से कोशिश करें.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh