हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री ने कभी स्क्रिप्ट से एक्सपेरिमेंट किया तो कभी डायलॉग से. मगर इसमें दो राय नहीं कि सक्सेस के फॉर्मूले खूब भुनाए गए. आखिर इनमें से कितने फॉर्मूले ऑडियंस को इम्प्रेस कर पाए और कितने मुंह के बल गिरे? कौन सी फिल्म है जो सालों बाद अभी भी उतनी ही याद की जाती है? ऐसे बहुत से सवालों के जवाब लिए हाजिर हैं फिल्मों और स्क्रिप्ट से जुड़े पोल के रिजल्ट.


इंडस्ट्री ने सबसे ज्यादा कैसी स्क्रिप्ट भुनाई?*25% मजबूर औरत16.7% अमीरी-गरीबी और प्यार17% गरीब ईमानदार इंसान(* इस सवाल में दिए गए ऑप्शन 1950ह्य के दौरान पॉपुलर हुए स्टोरी आइडियाज में से थे. ये टॉप 3 आइडिया हैं.)फिल्मों के हिट टॉपिक्स में आपका फेवरिट26% बदले की कहानी24% मजबूर मां12.5%डॉन या गैंगस्टर वाली फिल्में(इस सवाल में गोल्डन एरा और 70ह्य के सबसे पॉपुलर स्क्रिप्ट फॉर्मूलों के ऑप्शन दिए गए थे. ये टॉप 3 आंसर हैं.)


अमीरी-गरीबी, बुराई-अच्छाई, हीरो और विलेन की लड़ाई, ऐसे कितने ही फॉर्मूले ना होते तो पता नहीं हिन्दी फिल्मों का क्या होता! फिल्मों में बदलाव कितने भी आएं लेकिन इन हिट मसालों में से कोई न कोई इंग्रेडिएंट अधिकतर फिल्मों में रहता है. हमने ऐसे पोल के जरिए व्यूअर्स के फेवरिट जॉनर जानने की कोशिश की. इनमें सबसे कम वोट पाने वाले फॉर्मूलों में थी भाई-बहन के प्यार, ईमानदार हीरो और बेईमान विलेन, रोमांस के साथ मिलने-बिछडऩे वाली टिपिकल स्क्रिप्ट.Which is the best film from the 50s?29% Mother India26% Do Beegha Zameen21% Baiju Bawra(ये हैं टॉप 3 फिल्में. इनके ऑप्शंस में कागज के फूल, प्यासा, श्री 420, मिर्जा गालिब, सुजाता, दो आंखें बारह हाथ, देवदास जैसी पॉपुलर फिल्में थीं.)

Which is the best film from the 60s?51% Mughal-e-azam26% Aradhana1960ह्य में रिलीज हुई फिल्मों में सबसे ज्यादा वोट्स हमें मिले मधुबाला और दिलीप कुमार की फिल्म मुगल-ए-आजम के लिए. इसके बाद सबसे ज्यादा वोट मिले राजेश खन्ना को सुपर स्टारडम तक पहुंचाने वाली फिल्म अराधना को. बाकी ऑप्शंस में इस दौर की सुपरहिट फिल्में गंगा-जमुना, बीस साल बाद, मेरे महबूब, वक्त, संगम, उपकार, आंखें, दो रास्ते शामिल थीं. टॉप टू फिल्मों की पॉपुलैरिटी का अंदाजा वोटों के अंतर से ही साफ पता चल जाता है. तीसरे नंबर पर रही फिल्म दो रास्ते को 15 परसेंट वोट मिले.Which is the best film from the 70s43% Sholay 19% Aanand14% Golmaalटॉप थ्री फिल्म के मामले में रिजल्ट बिल्कुल सरप्राइजिंग नहीं है. वैसे 70ह्य की बेस्ट फिल्म चुनने के इस सवाल में दीवार, जंजीर, बॉबी, हरे कृष्णा हरे राम, अंकुर, पाकीजा जैसी फिल्में शामिल थीं. रीडर्स ने अमिताभ की फिल्म जंजीर को दीवार से ऊपर रखा.From ‘mother’ to lady love

मदर इंडिया की शूटिंग के दौरान जब सुनील दत्त नरगिस की जिंदगी में आए, उन दिनों राज कपूर से अपने ब्रेकअप के चलते वह काफी हताश थीं. यहां तक कि वह सुसाइड के बारे में सोच रही थीं. सुनील, नरगिस को पसंद तो करते थे लेकिन नरगिस की सक्सेस की वजह से उन्हें हिचक थी कि लोग उन्हें नरगिस के फेम को यूज करने वाला कहेंगे. मदर इंडिया के मेकर्स भी दोनों के रोमांस को लेकर हिचक रहे थे क्योंकि उन्हें डर था कि ऑन स्क्रीन मां-बेटे का रोल कर रहे पेयर का रीयल लाइफ अफेयर फिल्म की सक्सेस पर असर डालेगा. इन सारी बातों के बावजूद दोनों ने जल्दी ही शादी कर ली और सुनील दत्त का करियर 60ह्य के दौरान खूब चमका. मदर इंडिया में नरगिस के दूसरे बेटे का रोल निभाने वाले एक्टर राजेंद्र कुमार बाद में नरगिस और सुनील के सबसे करीबी दोस्तों में से एक बन गए.Which is the best film from the 80s?33% Maine Pyaar Kiya25% QSQTमैंने प्यार किया और कयामत से कयामत तक (क्तस्क्तञ्ज) का टॉप टू में जगह पाना कोई सरप्राइज नहीं है. ऑप्शंस के तौर पर दी गई बाकी हिट फिल्में कुर्बानी, जाने भी दो यारों, अर्धसत्य, नगीना, मिस्टर इंडिया, सलाम बॉम्बे, तेजाब, अर्थ जैसी फिल्मों को मिलने वाले वोट सेकंड विनर कयामत से कयामत तक से काफी कम रहे. इन सभी फिल्मों को 10 परसेंट के अंदर वोट मिले.The best film after 1990
65% 3 Idiots
12% Taare Zameen Par 8% Lagaanएक इत्तेफाक ये है कि इस कैटेगरी की सभी टॉप थ्री फिल्में आमिर खान की हैं. इस कैटेगरी में मुन्नाभाई, कल हो ना हो, दिल चाहता है, कभी खुशी कभी गम, रंग दे बसंती जैसी 2000 की कई बड़ी फिल्में शामिल थीं. इस पोल में सबसे कम वोट पाने वाली दो फिल्में हैं कभी खुशी कभी गम और कल हो ना हो.

Posted By: Garima Shukla