Meerut। अपने शहर को कूड़ा मुक्त बनाने की मुहिम के तहत शहर में जगह जगह बिखरे कूड़े को समेटने में नाकाम नगर निगम के खिलाफ शहर के लोगों की जागरुकता लगातार बढ़ती जा रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के इस अभियान में शहर के लोग लगातार डस्टबिन की कमी के कारण शहर में जगह-जगह कूडे़ का ढेर दिखा रहे हैं। आई नेक्स्ट के पास लगातार शहर के जागरुक नागरिकों के फोटो पहुंच रहे हैं, जिससे इस समस्या और डस्टबिन की कमी को उजागर किया जा रहा है।

दिखावे तक डोर टू डोर

गत वर्ष 29 अगस्त को स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत शहर के 20 वार्डो में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन शुरु किया गया था। इसके तीन माह बाद दिसंबर माह में अभियान को पूरे शहर में लागू करते हुए 90 वार्ड में 2-2 कूड़ा कलेक्शन गाडि़यों को लगाया गया। इन गाडि़यों को प्रतिदिन सुबह छह बजे से दस बजे तक वार्ड में जाकर कूड़ा कलेक्शन की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन अधिकतर वार्डो की एक या दो गलियों से कूड़ा कलेक्शन करके गाडि़यों को वापस ले जाया जा रहा है, जिस कारण अधिकतर वार्डो के लोग निगम के कूड़ा कलेक्शन से वंचित हैं और कूडा खुले में ही फेका जा रहा है।

हरे-नीले बॉक्स

इन कूड़ा गाडि़यों को दो प्रकार के हरे और नीले बॉक्स के साथ तैयार किया गया था, ताकि घरों से मिलने वाले कूडे़ को सूखे और गीले दो हिस्सों में बांट कर नीले और हरे बॉक्स में डाल सकें लेकिन निगम की यह व्यवस्था भी ध्वस्त हो गई। जहां जरुरत थी वहां से कूडे़दान या तो गायब है या टूट चुके हैं और निगम ने अभी तक नए कूडे़दान इन जगहों पर नही लगाए हैं।

नौचंदी मैदान में केवल मेले के दौरान सफाई होती है, बाकि पूरे साल यहां कूड़ा फैला रहता है। कूड़ेदान नहीं हैं, इसलिए आसपास के लोग मैदान में ही कूड़ा डाल जाते हैं।

डॉ। नफीस

शहर के सबसे प्रमुख बाजार आबूलेन पर ही डस्टबिन नही हैं, इसलिए यहां दास मोटर्स तिराहे पर ही कूडे़ का ढेर लगा हुआ है। कम से कम एक डस्टबिन तो इस बाजार में होना चाहिए।

ज्योति

बुढाना गेट बाजार में दो साल पहले नीले हरे डस्टबिन लगाए गए थे, उनके टूट हुए एक साल से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन आज तक नए डस्टबिन नही लगाए गए।

सन्नी

Posted By: Inextlive