कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कोल इंडिया के विकास का रोडमैप पेश करते हुए कहा कि इसमें करीब २० से २५ बिलियन डालर का इन्वेेस्टरमेंट करते हुए बताया कि इसके बाद पांच साल में उत्पादन बढ़ाकर एक अरब टन तक किया जाएगा.


सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) ने अगले पांच साल में एक अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है.  इसके लिए 20 अरब डॉलर (1.27 लाख करोड़ रुपये से अधिक) का निवेश किया जाएगा.  कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान इस संबंध में रोडमैप पेश किया. इस अवसर पर उन्होंने कोल इंडिया की ऑनलाइन पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकेयर स्कीम सहित अन्य कई योजनाओं का औपचारिक शुभारंभ भी किया.  
गोयल बोले कि कोल इंडिया ने वर्ष 2019-20 तक एक अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है. इसके लिए 20 अरब डॉलर का निवेश किए जाने की उम्मीद है. यह राशि प्रौद्योगिकी, उपकरण एवं मौजूदा सुविधाओं के उन्नयन पर खर्च की जाएगी. इसका एक हिस्सा खदान स्थलों से कोयले के ढेर खाली करने के लिए ढांचागत सुविधाओं के विकास पर खर्च होगा. अलग-अलग खदानों के निरीक्षण एवं एक विस्तृत योजना के बाद निवेश की इस राशि पर पहुंचा गया है. कोल इंडिया की वित्तीय स्थिति मजबूत है. गोयल ने लक्ष्य प्राप्ति पर विश्वास जताते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले 43 दिनों में उत्पादन पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 11.1 फीसद अधिक रहा है. मंत्री ने कहा कि उक्त लक्ष्य को हासिल करने की जिम्मेदारी कोल इंडिया से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति की है. बूंद-बूंद से ही सागर भरता है. इसमें केंद्र सरकार पूरा सहयोग करेगी. केंद्रीय मंत्री ने इस कार्य में राज्य सरकार से भी सहयोग की अपील की. कहा कि 28 करोड़ देशवासियों के घरों में बिजली नहीं है. जरूरत को पूरा करने के लिए बिजली उत्पादन दोगुना करने की आवश्यकता है.

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Posted By: Molly Seth