कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स 2018 में भारत को पहला मेडल मिल गया है। 56 किग्रा भार वर्ग में गुरुराजा ने सिल्‍वर मेडल जीतकर खाता खोल दिया। 25 साल के वेटलिफ्टर गुरुराजा काफी कड़ी मेहनत करके यहां पहुंचे थे। आइए जानें उनके बारे में कुछ बातें...


भारत को मिला पहला मेडलगोल्ड कोस्ट (प्रेट्र)। बुधवार को गोल्ड कोस्ट में रंगारंग कार्यक्रम के साथ 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स का आगाज हो गया है। भारत के लिए वेटलिफ्टर पी गुरुराजा ने 56 किग्रा भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीत लिया है। इसी के साथ भारत का पदक तालिका में खाता भी खुल गया। गुरुराजा के लिए यह प्रतियोगिता आसान नहीं रही, क्योंकि वह शुरुआती दो राउंड में फेल हो गए थे। ऐसे में आखिरी और तीसरे राउंड में जब उन्होंने वजन उठाया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गुरुराजा के नाम 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में पहला मेडल जीतने का रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया।ओलंपिक में पदक जीतना है सपना
21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में गुरुराजा ने 249kg (111+138) वजन उठाकर दूसरा स्थान हासिल किया और भारत को सिल्वर मेडल दिलाया। गुरुराजा बताते हैं कि, आठ साल पहले जब उन्होंने वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग ली, तो वह समय उनके लिए काफी कठिन था। पहले वह बिल्कुल भी वजन नहीं उठा पाते थे, काफी बार प्रयास किया मगर हर बार उन्हें निराश हाथ लगती थी। एक समय तो ऐसा आया जब वह खीझकर वेटलिफ्टिंग छोड़ने का मन बना चुके थे। मगर कोच और फैमिली के सपोर्ट के बाद गुरुराजा ने ट्रेनिंग जारी रखी और आज उनके नाम कॉमनवेल्थ गेम्स में एक पदक दर्ज हो गया। गुरुराजा का सपना है कि वह ओलंपिक में मेडल जीतें।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari