शुद्धता और मानकों पर खरे उतरने को दावा करने वाली पतंजलि एक बार फिर विवादों में घिरती जा रही है। हाल ही में देश में तेल और दिलहन उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानि एसईए इसके खिलाफ ठोस कदम उठाने की तैयारी में हैं। यह पतंजलि के कच्ची घानी सरसों तेल पर आने वाले विज्ञापन पर ऐक्‍शन लेने जा रही है।


तेल की बुराई करते योग गुरू रामदेव की पतंजलि एक बार फिर से मुसीबतों में घिरती दिख रही है। पतंजलि के कच्ची घानी सरसों तेल पर आने वाले विज्ञापन के खिलाफ देश में तेल और दिलहन उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानि एसईए ऐक्शन लेने की तैयारी में हैं। एसईए इसके खिलाफ फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानि FSSAI और देश में विज्ञापनों के मानक तय करने वाली संस्था एडवर्टाइजिंग स्टेंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया यानि ASCI में शिकायत करने वाली है। एसईए का कहना है कि पतंजलि के इस तेल वाले विज्ञापन में बाबा रामदेव बताते हैं कि बाजार में मिलने वाले कच्ची घानी सरसों तेल की खुलकर बुराई करते हैं। उनमें मिलावट का जिक्र का करते हैं। विज्ञापन जारी रखा
वहीं इसके साथ ही पतंजलि द्वारा तैयार किए जाने वाले कच्ची घानी सरसों तेल के इस्तेमाल को बढ़ावा देते दिखाई देते हैं। ऐसे में एसईए के प्रेसिडेंट प्रवीण लुंकड़ का कहना है कि ये विज्ञापन सॉल्वेंट प्लांटों के जरिए तैयार होने वाले तेल के बारे में भ्रामक और गलत जानकारी दे रहा है। लोगों को गुमराह करने का करने का प्रयास कर रहे हैं। जो कि उपभोक्ताओं के लिए भी ठीक नही है। उनके इस विज्ञापन को शिकायत के बाद हटाने को बोला गया था लेकिन बावजूद इसके पतंजलि ने चैनलों पर यह विज्ञापन नहीं बंद किया था। जो कि पूरी तरह से गलत है। वह विज्ञापन के नियमों का भी उल्लंघन कर रही है।

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Posted By: Shweta Mishra