यूट्यूब का कहना है कि उसने इस बात की पड़ताल शुरू की है कि वेबसाइट पर किसी वीडियो को वास्तव में कितने लोगों ने देखा है.


यूट्यूब का कहना है कि दर्शकों की संख्या से किसी वीडियो की लोकप्रियता का पता चलता है. और कई बार ऐसा भी होता है कि किसी वीडियो को देखने वालों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए 'रिडायरेक्ट' और बायिंग जैसे टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है जो दरअसल गुमराह करने वाला होता है.यूट्यूब अपनी वेबसाइट पर आने वाले वीडियो को देखने वालों की संख्या की एक तय अवधि के दौरान समीक्षा करेगा और गुमराह करने वाले वीडियो को वेबसाइट से हटा दिया जाएगा.यूट्यूब गूगल की वीडियो साझा करने वाली वेबसाइट है. गूगल ने  एक ब्लॉग-पोस्ट में कहा है, ''कुछ लोग फ़र्ज़ी दर्शक संख्या गढ़ने का प्रयास करते हैं. ऐसे लोग किसी वीडियो की लोकप्रियता के मामले में न केवल दर्शकों को गुमराह कर रहे होते हैं, बल्कि यूट्यूब की सबसे अहम और अनूठी ख़ासियतों को भी घटा रहे होते हैं.''नज़र विज्ञापनों पर


"कोई भी कंपनी यह देखती है कि किसी वीडियो को कितने लोग देख रहे हैं और विज्ञापन देते समय उसकी लोकप्रियता को ध्यान में रखा जाता है."-संजना चपल्ली, लिवाइस पल्स की एशिया पैसेफ़िक प्रमुखयू्ट्यूब का कहना है कि इस क़दम से उसकी वेबसाइट के वीडियो पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यूट्यूब वीडियो साझा करने वाली सबसे बड़ी वेबसाइट है.

यू्ट्यूब पर वीडियो देखने वालों की बड़ी संख्या की वजह से यह वेबसाइट विज्ञापनदाताओं के लिए भी एक पसंदीदा ठिकाना बन गई है.विश्लेषकों का कहना है कि फ़र्ज़ी दर्शक संख्या पर क़ाबू पाने का यूट्यूब का यह प्रयास दरअसल विज्ञापनदाताओं को यह जताने की कोशिश है कि उनका विज्ञापन लक्षित दर्शकों तक पहुंच रहा है.डिज़िटल मार्केटिंग में महारत रखने वाली एक विज्ञापन कंपनी लुईस पल्स की एशिया पैसेफ़िक प्रमुख संजना चपल्ली कहती हैं, ''कोई भी कंपनी यह देखती है कि किसी वीडियो को कितने लोग देख रहे हैं और विज्ञापन देते समय उसकी लोकप्रियता को ध्यान में रखा जाता है.''

Posted By: Subhesh Sharma