मंगलवार को जम्‍मू-कश्‍मीर में हुई आतंकी मुठभेड़ में कमांडेंट चेतन कुमार की बाहुदरी को कोई नहीं भूल सकता। सामने से लगातार गोलियां चल रहीं थीं कुछ हवाई फायर हुईं तो कई शरीर में धंस गईं। एक गोली आंख में घुसकर दिमाग को चीरती हुई निकली फिर भी चेतन कुमार ने हिम्‍मत दिखाई और जी-जान से लड़कर आतंकी का सफाया कर दिया।


16 गोलियां लगी थींसीआरपीएफ के कमांडिंग ऑफिसर चेतन कुमार चीता आज दिल्ली के एम्स अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। चेतन कुमार मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में हुई आतंकी मुठभेड़ में बुरी तरह से घायल हो गए थे। बताते हैं कि चेतन कुमार ने आतंकियों से बड़ी बहादुरी से सामना किया। आतंकियों ने उनको 16 गोलियां मारी थीं, उनकी छाती पूरी तरह से छलनी हो गई थी और एक गोली दिमाग में लगी। इसके बावजूद उनके हाथों से बंदूक नहीं गिरी और आतंकियों पर गोलियों की बरसात कर दी। जिसमें लश्कर के दुर्दांत आतंकी कमांडर अबू हारिश को ढेर कर दिया। आईसीयू में चल रहा इलाज
आतंकियों के सफाए के बाद आनन-फानन में चेतन को इलाज के लिए सेना के श्रीनगर बेस अस्पताल में ले जाया गया। वहां जब डॉक्टरों की टीम ने हाथ खड़े कर दिए, तब उन्हें एयर एम्बुलेंस से दिल्ली स्थित एम्स के ट्रोमा सेंटर लाया गया। फिलहाल चेतन कुमार को आईसीयू में रखा गया है और उनके दिमाग का ऑपरेशन किया गया। डॉक्टर उनके पेट में लगी छह गोलियां निकाल चुके हैं, लेकिन शरीर के बाकी हिस्सों में लगी गोलियां और छर्रे अभी निकाले जाने बाकी हैं। फिलहाल अफसर की हालत पर लगातार नजर रखी जा रही है।सभी आतंकी मारे गएउत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में मंगलवार को हुई भीषण मुठभेड़ में लश्कर के तीन आतंकियों को मार गिराया गया था। लेकिन इस गोलीबारी में मेजर सतीश दहिया को भी जान गंवानी पड़ी और सीआरपीएफ के कमांडिंग अफसर जख्मी हो गए। आतंकियों का दल हाजन काजियाबाद गांव के खान मुहल्ले में छिपा हुआ था। जवानों ने इलाके की घेराबंदी कर दी। लगभग सवा घंटे तक दोनों तरफ से गोलियों की बौछार हुई, जिसमें तीन आतंकी मारे गए।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari