बिहार की रहने वाली 15 साल की ज्योति कुमारी इस समय काफी चर्चा में है। ज्योति ने लाॅकडाउन में अपने पिता को साइकिल पर बिठाकर 1200 किमी का सफर सात दिन में पूरा किया था। अब सीएफआई ने ज्योति को दिल्ली में ट्राॅयल के लिए बुलाया है।

नई दिल्ली (एएनआई)। साइकिल फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीएफआई) ने 15 साल की ज्योति को ट्राॅयल के लिए बुलाया है। ज्योति ने गुरुग्राम से बिहार की यात्रा साइकिल से पूरी की थी। ये दूरी करीब 1200 किमी की है, मगर ज्योति ने हिम्मत दिखाते हुए अपने बीमार पिता को साइकिल पर पीछे बिठाया और लाॅकडाउन के बीच घर तक पहुंचाया। सीएफआई के अध्यक्ष ओंकार सिंह ने यह कहते हुए पुष्टि की है कि वे ज्योति का ट्राॅयल लेंगे।

दिल्ली में होगा ज्योति का ट्राॅयल

सिंह ने एएनआई से कहा, "हां, हम उस लड़की को ट्राॅयल के लिए बुला रहे हैं। हम उसे दिल्ली बुलाएंगे और हमारे पास हमारे पैरामीटर हैं। हम यह जांचने के लिए परीक्षण करेंगे कि वह साइकिल चलाने के लिए फिट है या नहीं।" सिंह ने आगे कहा, "लड़की के पास काफी धीरज है क्योंकि उसने 1200 किमी की दूरी तय करने के लिए सात दिनों की यात्रा की है।'

लाॅकडाउन के चलते पिता को लेकर घर लौटी

लॉकडाउन का असर उन प्रवासियों पर भारी पड़ा है जो अपने मूल स्थानों पर लौटने के लिए मजबूर हैं। ऐसी ही मजबूरी ज्योति के सामने थी। जब उसने पैतृक गांव तक पहुंचने के लिए गुरुग्राम से बिहार तक अपने बीमार पिता के साथ साइकिल पर 1,200 किलोमीटर की यात्रा की। ज्योति कुमारी तालाबंदी की घोषणा से ठीक पहले गुरुग्राम में थीं। वह मार्च में गुरुराम से अपने पिता मोहन पासवान से मिलने गई थीं, जो एक दुर्घटना में घायल हो गए थे। लेकिन कोरोना वायरस के प्रसार को सीमित करने के लिए सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के कारण लड़की फंसी हुई थी।

साइकिल से पूरा किया 1200 किमी का सफर

जब ज्योति अपने पिता की देखभाल कर रही थी, तब उसकी माँ अपने चार छोटे भाई-बहनों की देखभाल कर रही थी। उनकी मां बिहार के दरभंगा जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में काम करती हैं। ज्योति कक्षा आठ की छात्रा है। हादसे के बाद ई-रिक्शा चलाने में असमर्थ रहे पासवान को उनके मकान मालिक ने किराए न देने पर घर से निकल जाने को कहा। ऐसे में ज्योति के पास कोई और चारा नहीं था। वह साइकिल पर पिता को बिठाकर 1200 किमी दूर अपने घर आ गई।

किस्मत ने दिया एक मौका

सात दिनों की यात्रा के बाद ज्योति अपने पिता के साथ घर पहुंची। जहां उसे सिंहवाड़ा ब्लॉक के अंतर्गत उनके गांव सिरहुली के पास एक क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। ज्योति की यह यात्रा अब उसे नया मौका दे रही है। साइक्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने ज्योति को अगले महीने ट्रायल के लिए आमंत्रित किया है। फेडरेशन के अध्यक्ष ओंकार सिंह ने कहा कि अगर ज्योति ट्रायल पास कर लेती हैं, तो उन्हें दिल्ली के आईजीआई स्टेडियम परिसर में अत्याधुनिक नेशनल साइक्लिंग अकादमी में ट्रेनिंग दी जाएगी।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari