Aaj ka Panchang 25 December 2021 : जानें शनिवार के राहुकाल व दिशाशूल की स्थिति, हनुमान चालीसा पढ़ने से बनेंगे सभी बिगड़े काम
डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 25 December 2021 : हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। शनिवार 25 दिसंबर, षष्ठी तिथि 20 बजकर 11 मिनट तक तदोपरान्त सप्तमी तिथि है। षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय जी हैं तथा सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देव हैं। शनिवार के दिन पीपल के नीच हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते हैं।आज के दिन क्या करें और क्या न करें
शनिवार के दिन पीपल के नीच हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते हैं। इस तिथि में तैलीय चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए और यह तिथि यात्रा, पितृ कर्म, मंगल कार्य आदि के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।25 दिसम्बर 2020 दिन- शनिवार का पंचागसूर्योदयः- प्रातः 06:47:00सूर्यास्तः- सायं 05:13:00विशेषः- शनिवार के दिन पीपल के नीच हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते हैं।विक्रम संवतः- 2078शक संवतः- 1943
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- शिशिर ऋतुमासः- कार्तिक माहपक्षः- कृष्ण पक्षतिथिः- षष्ठी तिथि 20 बजकर 11 मिनट तक तदोपरान्त सप्तमी तिथि।तिथि स्वामीः- षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय जी हैं तथा सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देव हैं।नक्षत्रः- पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र 29:05:57 तक तदोपरान्त उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्रनक्षत्र स्वामीः- पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी शुक्र देव हैं। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी सूर्य देव हैं।योगः- प्रीति 11:23:34 तक तदोपरान्त आयुष्मानगुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 08:28:00 से 09:45:00 तक।दिशाशूलः- आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जायें।राहुकालः- राहु काल 11:03:00 से 12:20:00 बजे तक।तिथि का महत्वः- इस तिथि में तैलीय चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए और यह तिथि यात्रा, पितृ कर्म, मंगल कार्य आदि के लिए शुभ है।“हे तिथि स्वामी, नक्षत्र स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”