Dainik Panchang 27 November 2021 : तिथि नक्षत्र वार योग और करण से मिलकर पंचांग बनता है। शनिवार 27 नवंबर के दैनिक पंचाग के मुताबिक शुभ मुहूर्त राहुकाल सूर्योदय और सूर्यास्‍त का समय तिथि नक्षत्र सूर्य करण चंद्र व दिशाशूल की स्थिति मास व पक्ष की समस्‍त जानकारी यहां दी गई है।


डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 27 November 2021 : हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। शनिवार 27 नवंबर, को अष्टमी तिथि 30:01:44 तक तदोपरान्त नवमी है। अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा नवमी तिथि की स्वामिनि दुर्गा जी हैं। शनिवार के दिन पीपल के नीच हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते हैं।आज के दिन क्या करें और क्या न करें


आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जायें। इस तिथि में नारियल नहीं खाना चाहिए तथा यह तिथि आभूषण, रत्न खरीदने और धारण करने के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

27 नवम्बर 2021 दिन- शनिवार का पंचांगसूर्योदयः- प्रातः 06:42:00सूर्यास्तः- सायं 05:18:00विशेषः- शनिवार के दिन पीपल के नीच हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते हैं।विक्रम संवतः- 2078शक संवतः- 1943आयनः- दक्षिणायनऋतुः- हेमन्त ऋतुमासः- मार्गशीर्ष माहपक्षः- कृष्ण पक्ष


तिथिः- अष्टमी तिथि 30:01:44 तक तदोपरान्त नवमीतिथि स्वामीः- अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा नवमी तिथि की स्वामिनि दुर्गा जी हैं।नक्षत्रः- माघ 11:38:00 तक तदोपरान्त पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र स्वामीः- माघ नक्षत्र के स्वामी केतु देव हैं तथा पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी शुक्र है।योगः- वैधृति 07:30:19 तक तदोपरान्त विषकुंभगुलिक कालः- शुभ गुलिक 06:52:00 से 08:11:00 तकदिशाशूलः- आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जायें।राहुकालः- राहु काल 09:30:00 से 10:49:00 तकतिथि का महत्वः- इस तिथि में नारियल नहीं खाना चाहिए तथा यह तिथि आभूषण, रत्न खरीदने और धारण करने के लिए शुभ है।“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”

Posted By: Shweta Mishra