Dainik Panchang 28 October 2021: तिथि नक्षत्र वार योग और करण से मिलकर पंचांग बनता है। गुरुवार 28 अक्टूबर के दैनिक पंचाग के मुताबिक शुभ मुहूर्त राहुकाल सूर्योदय और सूर्यास्‍त का समय तिथि नक्षत्र सूर्य करण चंद्र व दिशाशूल की स्थिति मास व पक्ष की समस्‍त जानकारी यहां दी गई है।


डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 28 October 2021: हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। गुरुवार 28 अक्टूबर, 2021 को सप्तमी तिथि 12:50:40 तक तदोपरान्त अष्टमी तिथि है। सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य और अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है ।

आज के दिन क्या करें और क्या न करेंगुरुवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें। इस तिथि में ताड़ का सेवन नहीं करना चाहिए तथा यह तिथि राज सम्बन्धी कार्यों के लिए, विवाह, अन्नप्राशन व गृह प्रवेश के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।


28 अक्टूबर 2021 दिन- गुरुवार का पंचागसूर्योदयः- प्रातः 06:25:00सूर्यास्तः- सायं 05:35:00विशेषः- गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है ।विक्रम संवतः- 2078शक संवतः- 1943आयनः- दक्षिणायनऋतुः- हेमन्त ऋतुमासः- कार्तिक माहपक्षः- कृष्ण पक्षतिथिः- सप्तमी तिथि 12:50:40 तक तदोपरान्त अष्टमी तिथि

तिथि स्वामीः- सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य और अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी है।नक्षत्रः- पुनर्वसु नक्षत्र 09बजकर 41 मिनट तक तदोपरान्त पुष्य नक्षत्र समस्त ।नक्षत्र स्वामीः- पुनर्वसु नक्षत्र के स्वामी गुरु हैं तथा पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि है।योगः- साध्य 26:18:46 तक तथा शुभगुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 09:17:00 A.M बजे से 10:41:00 PM बजे तकदिशाशूलः- गुरूवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें।राहुकालः- राहु काल 01:28:00 PM बजे से 02:52:00 PM तकतिथि का महत्वः- इस तिथि में ताड़ का सेवन नहीं करना चाहिए तथा यह तिथि राज सम्बन्धी कार्यों के लिए, विवाह, अन्नप्राशन व गृह प्रवेश के लिए शुभ है।“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”

Posted By: Shweta Mishra