Gorakhpur : डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में चल रही लापरवाही ने एलएलबी स्टूडेंट्स को परेशान कर दिया है. पहले ही इन स्टूडेंट्स का सेशन एक साल लेट हो चुका है और अब स्टूडेंट्स से फीस भी नए स्ट्रक्चर के अकॉर्डिंग ली जा रही है. फाइनल फ्राइडे को इन स्टूडेंट्स के सब्र का बांध टूट ही गया और इन लोगों ने वीसी ऑफिस पर जमकर प्रदर्शन किया. यहां इन लोगों की वीसी से कहासुनी भी हुई.


नए फीस स्ट्रक्चर ने किया परेशान
एलएलबी में जिन स्टूडेंट्स ने सेशन 2010-11 में एडमिशन लिया था उनका कोर्स नियमानुसार 2013 में खत्म हो जाना चाहिए था। लेकिन यूनिवर्सिटी की लापरवाही के चलते इन स्टूडेंट्स का सेशन एक साल लेट हो गया। इन स्टूडेंट्स के फाइनल इयर के एग्जाम 2014 में होंगे। हालांकि इन स्टूडेंट्स को डिग्री सेशन 2012-13 की ही मिलेगी। स्टूडेंट्स अपना सेशन लेट होने से पहले ही बहुत परेशान हैं और अब यूनिवर्सिटी के नए फीस स्ट्रक्चर ने उनकी प्रॉब्लम्स को और बढ़ा दिया है। स्टूडेंट्स ने बताया कि पहले उनसे साल भर की फीस 2,915 रुपए ली जाती थी। इसमें 300 रुपए डिग्री की फीस भी शामिल थी। लेकिन इस सेशन में यूनिवर्सिटी ने अपनी फीस 2615 रुपए कर दी है। लेकिन इसके साथ ही 900 रुपए एग्जामिनेशन फीस और 300 रुपए डिग्री की फीस अलग है। इस तरह से स्टूडेंट्स को टोटल 3815 रुपए देने होंगे।नहीं सुनी गई स्टूडेंट्स की


स्टूडेंट्स का कहना है कि नया फीस स्ट्रक्चर सेशन 2013-14 के लिए है। अगर यूनिवर्सिटी ने समय से उनका कोर्स कंप्लीट कराया होता तो वह सेशन 12-13 में खत्म हो जाता। स्टूडेंट्स के अनुसार सेशन लेट होने में यूनिवर्सिटी लेवल पर गलती है। फिर उन लोगों से बढ़ी हुई फीस क्यों ली जा रही है। स्टूडेंट्स ने बताया कि फ्राइडे को जब वह अपनी प्रॉब्लम लेकर वीसी और एग्जामिनेशन कंट्रोलर के पास गए तो उनकी एक नहीं सुनी गई।मैंने जब वीसी से अपनी प्रॉब्लम बताई तो उन्होंने सीधे कह दिया यू आर नॉट माई स्टूडेंट। यह तो पूरी तरह से यूनिवर्सिटी की मनमानी है.प्रज्ञानसेशन लेट होने के जिम्मेदार हम नहीं हैं जो अधिक फीस ली जा रही है। हम लोग से बिना वजह 900 रुपए अधिक लिए जा रहे हैं.राजपहले ही हम लोग एक साल वेस्ट होने से सफर कर रहे हैं और अब यह नई प्रॉब्लम हम लोग के लिए खड़ी कर दी गई है.हरिशंकरहम लोग को जो डिग्री मिलेगी वह सेशन 2012-13 की होगी। फिर हम लोग से फीस सेशन 2013-14 के स्ट्रक्चर से क्यों ली जा रही है। यह गलत है।अंकुर

Posted By: Inextlive