ठंड में लापरवाही पड़ी भारी, चली गयी दो लोगों की जान

गलन भरी ठंड में बढ़ा हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा, रहें सावधान

ALLAHABAD: भीषण ठंड के साथ पड़ रही गलन शुक्रवार को जानलेवा हो गयी। जरा सी लापरवाही बरतना दो जिंदगियों पर भारी पड़ गया। कोल्ड स्ट्रोक की चपेट में आकर चाका ब्लॉक के चकराना तिवारी गांव की मोना सिंह और नवाबगंज थाने के कसरी गांव के उंदर की मौत हो गई। कोल्ड स्ट्रोक का साफ असर हॉस्पिटल्स की ओपीडी में भी दिखाई पड़ रहा है। मरीजों से ओपीडी का क्राउड बढ़ गया है। डॉक्टरों का कहना है कि लोग सावधानी बरतें।

दो दिन से गायब है धूप

इलाहाबादियों को पिछले दो दिनों से धूप के दर्शन नहीं हुए हैं। इस बीच ठंड और गलन बढ़ती जा रही है। शाम ढलते ही पड़ने वाला कोहरा जानलेवा साबित हो रहा है। शुक्रवार को भी हालात गंभीर रहे। तेज गलन से लोगों का जीना दुश्वार रहा। बेली, एसआरएन, काल्विन समेत तमाम हॉस्पिटल्स में सर्दी से पीडि़त मरीजों की लाइन लगी रही। लगभग दो दर्जन मरीजों को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है। इनमें हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक के मरीज शामिल हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि भीषण ठंड के चलते खून की नसों में अधिक दबाव होने से स्ट्रोक के चांसेज बढ़ जाते हैं।

मरीजों को करना पड़ रहा इंतजार

ठंड के प्रकोप के चलते एसआरएन हॉस्पिटल के कार्डियोलाजी विभाग में हार्ट के मरीजों को दो-दो घंटे भर्ती होने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। हॉस्पिटल का आईसीसीयू वार्ड पूरी तरह फुल हो चुका है। इसी तरह न्यूरोलॉजी विभाग में भी ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बीस फीसदी तक बढ़ चुकी है। 45 बेड के आईसीयू वार्ड में भी जगह लगभग खत्म हो चुकी है। नए मरीजों को भर्ती करने में खासी परेशानी आ रही है।

इन लक्षणों से बचकर रहना-

शरीर के किसी भाग में अचानक कमजोरी, तुतलाना, बेहोशी, कम दिखाई देना, सीने में तेज दर्द, घबराहट और ब्लड प्रेशर का बढ़ जाना।

बचाव-

कोलेस्ट्राल और बीपी पर नियंत्रण रखें। तनाव से दूर रहें। रात में देर तक घूमने से बचें। घर से निकलते समय गर्म कपड़े पहनें। सिर पर गर्म टोपी या हेलमेट लगाकर ही बाइक चलाएं।

इसलिए होता है स्ट्रोक

डॉक्टरों के मुताबिक ठंड में खून गाढ़ा हो जाता है और ऐसे में शरीर को गर्म रखने के लिए ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। नसों में खून जम जाने इससे जुड़े अंग काम करना बंद कर देते हैं और स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।

स्ट्रोक पड़े तो

ऐसी हालत में मरीज को चार घंटे के भीतर हॉस्पिटल पहुंचाना चाहिए। तत्काल इलाज मिलने से मरीज दो से तीन दिन में स्वस्थ हो जाता है, अन्यथा उसकी जान भी जा सकती है।

इनको है अधिक खतरा

उम्रदराज, ब्रेन स्ट्रोक की फैमिली हिस्ट्री, स्मोकिंग करने वाले, दिल के मरीज, शुगर मरीज, कोलेस्ट्राल के मरीज और बीपी के मरीज।

ठंड के मौसम में लोगों को चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थ और शराब, सिगरेट से बचना होगा। खासकर के दिल के मरीजों को इस मौसम में अधिक खतरा होता है। ओपीडी में फिलहाल मरीजों की संख्या बढ़ गई है।

डॉ। पीयूष सक्सेना, कार्डियोलॉजी विभाग, एमएलएन मेडिकल कॉलेज

ब्रेन स्ट्रोक होने के चांस इस मौसम में बढ़ जाते हैं। लोगों को सतर्क रहना होगा। सर्दी, जुकाम और बुखार के मरीज भी बढ़ गए हैं। मरीजों के इलाज की उचित व्यवस्था की जा रही है।

डॉ। करुणाकर द्विवेदी, एसआईसी, एसआरएन हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive